खनौरी मोर्चे पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन आज 33वें दिन भी जारी रहा। किसान नेताओं ने बताया कि Supreme Court में डल्लेवाल के आमरण अनशन पर आज जो सुनवाई हुई, उस पर डल्लेवाल ने वीडियो के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया दी।
सुप्रीम कोर्ट से डल्लेवाल का सवाल: “यह कैसी हमदर्दी?”
डल्लेवाल ने वीडियो संदेश में कहा कि एक ओर सुप्रीम कोर्ट उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता जता रहा है, जबकि दूसरी ओर उन्हें जबरदस्ती अस्पताल में भर्ती कराने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने यह सवाल उठाया, “यह कैसी हमदर्दी है?”
डल्लेवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को कोई निर्देश नहीं दे रहा और इस मुद्दे को जानबूझकर राज्य सरकार तक सीमित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उनकी मांगें केंद्र सरकार से हैं, न कि राज्य सरकार से।
MSP गारंटी कानून और सुप्रीम कोर्ट की स्थिति पर डल्लेवाल की टिप्पणी
डल्लेवाल ने MSP गारंटी कानून के मुद्दे पर संसद और सुप्रीम कोर्ट की कमेटी की सिफारिशों को लागू न करने के लिए केंद्र सरकार पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब एक व्यक्ति को कहीं से न्याय नहीं मिलता, तो उसकी आखिरी उम्मीद सुप्रीम कोर्ट होती है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेशों को देखकर लगता है कि सुप्रीम कोर्ट भी चाहता है कि केंद्र सरकार किसानों पर गोलियां चलाए।
किसान नेता ने कहा, “मैं किसी के दबाव में नहीं हूं”
डल्लेवाल ने स्पष्ट किया कि वह अपनी स्वेच्छा से आमरण अनशन पर हैं और किसी के दबाव में नहीं हैं। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार के इशारे पर जानबूझकर यह भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है कि मैं किसी के दबाव में हूं। मैं किसानों के हक के लिए यह अनशन कर रहा हूं।”
4 जनवरी को देशभर से किसानों का आगमन
किसान नेताओं ने बताया कि डल्लेवाल की इच्छा है कि वह उस किसान समाज से मिलें जिसे उन्होंने 44 वर्षों तक सेवा दी है। इसलिए 4 जनवरी को खनौरी मोर्चे पर एक बड़ी किसान महापंचायत का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देशभर से लाखों किसान भाग लेंगे। किसान नेताओं ने कहा कि डल्लेवाल की तबियत नाजुक होने के बावजूद वह इस महापंचायत में देशवासियों को अपना संदेश देंगे।
अंतिम उम्मीद: किसान महापंचायत से डल्लेवाल का संदेश
इस महापंचायत में डल्लेवाल के साथ अन्य किसान नेता भी अपनी आवाज उठाएंगे और MSP गारंटी कानून के मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। डल्लेवाल के स्वास्थ्य की स्थिति को लेकर किसानों में चिंता व्यक्त की जा रही है, लेकिन वह अपने संघर्ष को जारी रखने की बात कर रहे हैं।