मोहित शर्मा के आत्महत्या प्रकरण में Punjab-Haryana उच्च न्यायालय ने अंतरिम आदेश पारित किया है। इस आदेश के तहत कोर्ट ने कैलाश शर्मा को अपने पुत्र मोहित शर्मा का शव तीन दिन के भीतर लेकर उसका अंतिम संस्कार करने का निर्देश दिया है।
कैलाश चंद शर्मा, बाघोत निवासी, ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पुत्र मोहित की आत्महत्या के बाद से शव सिविल अस्पताल कनीना के शवगृह में रखा हुआ है और प्रशासन द्वारा आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। कैलाश शर्मा ने पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा सहित आठ लोगों पर अपने पुत्र को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था और तब तक शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था जब तक आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया जाता।
कोर्ट में हरियाणा सरकार के प्रतिनिधि ने कहा कि शिकायतकर्ता अपने पुत्र का शव नहीं ले रहा और पुलिस अधिकारियों के कई प्रयासों के बावजूद वह कोई गवाह या सबूत प्रस्तुत नहीं कर रहा। इसके बाद, उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि कैलाश शर्मा को अपने पुत्र का शव तीन दिन के भीतर लेकर उसका अंतिम संस्कार करना चाहिए।
इसके अलावा, हरियाणा सरकार को निर्देश दिया गया कि आरोपी की जांच आईपीएस स्तर के अधिकारी से की जाए ताकि शिकायतकर्ता को जांच की पारदर्शिता पर कोई शक न रहे। याचिका को 20 मई 2025 तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
ज्ञात रहे कि मोहित शर्मा ने 13 दिसंबर 2024 को आत्महत्या कर ली थी, जिसके बाद उसके पिता ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।





