Punjab सरकार ने अपने छोटे नागरिकों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान, राज्य में जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित 341 बच्चों की मुफ्त और सफल हृदय सर्जरी करवाई गई। इस पहल की जानकारी पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने दी।
जन्मजात हृदय रोग और सरकारी पहल:
जन्मजात हृदय रोग एक ऐसी विकृति है जो जन्म के समय ही हृदय या उससे जुड़ी रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करती है। इस प्रकार के रोगों का इलाज महंगी सर्जरी से संभव है, जो कई परिवारों के लिए आर्थिक रूप से संभव नहीं होती। इसे ध्यान में रखते हुए पंजाब सरकार ने ऐसे बच्चों का इलाज पूरी तरह से मुफ्त करने की योजना बनाई है। यह पहल राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत की गई है, जिसका उद्देश्य बच्चों के स्वास्थ्य की समस्याओं का शीघ्र पता लगाना और उनका प्रबंधन करना है।
सर्जरी में खर्च और स्वास्थ्य सेवा के सुधार:
पंजाब सरकार ने इस वर्ष दिसंबर तक इन 341 सर्जरी पर कुल 3.52 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। राज्यभर के विभिन्न सूचीबद्ध अस्पतालों में इन जीवनरक्षक सर्जरियों का आयोजन किया गया।
मोबाइल स्वास्थ्य टीमें और डिजिटल हेल्थ कार्ड:
आरबीएसके कार्यक्रम के तहत, पंजाब स्वास्थ्य विभाग ने राज्यभर में मोबाइल स्वास्थ्य टीमों की तैनाती की है। प्रत्येक टीम में दो डॉक्टर (एक पुरुष और एक महिला), एक नर्स और एक फार्मासिस्ट शामिल होते हैं। ये टीमें बच्चों की स्वास्थ्य जांच करने के लिए सरकारी स्कूलों और आंगनवाड़ियों का नियमित दौरा करती हैं।
हर बच्चे के लिए एक डिजिटल हेल्थ कार्ड तैयार किया जाता है, जो उसके चिकित्सा इतिहास और स्वास्थ्य की निरंतर निगरानी करता है। इससे समय पर चिकित्सा हस्तक्षेप सुनिश्चित होता है और बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मदद मिलती है।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की प्रतिबद्धता:
डॉ. बलबीर सिंह ने कहा, “यह पहल पंजाब सरकार की बच्चों के स्वस्थ भविष्य को सुरक्षित करने और उन्हें एक सशक्त बचपन देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। हम राज्य में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं और यह उपलब्धि उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
यह कदम पंजाब के बच्चों के स्वास्थ्य की दिशा में सरकार की बड़ी पहल के रूप में उभर कर सामने आया है।