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खनौरी बॉर्डर पर ‘कैलाश’ की अनोखी भागीदारी: सिर पर बैठकर निहंग ने किसानों की लड़ाई में किया योगदान

पंजाब दिल्ली हरियाणा

खनौरी बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन को समर्थन देने के लिए निहंग ‘कैलाश’ ने अनोखे तरीके से भाग लिया। वह सिर पर बैठकर चोंच और पंजों से किसानों के संघर्ष को समर्थन देने पहुंचे। इस दौरान उनका जोश और उत्साह देखने लायक था।

निहंग ‘कैलाश’ का कहना था कि वह किसानों की मेहनत और संघर्ष के प्रति अपनी श्रद्धा दिखाने के लिए यहां आए हैं। उनका मानना है कि किसानों का आंदोलन सही है और उसे सशक्त बनाना जरूरी है। कैलाश का यह अनोखा तरीका लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है, और उनकी उपस्थिति ने किसानों के मनोबल को भी बढ़ाया।

खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में किसानों के समर्थन में निहंग अमरजीत सिंह ने अनोखी बातचीत की। उन्होंने अपने बाज ‘हुकम सिंह’ के बारे में बताया, जो 70 साल का है और अब तक 14 जंग लड़ चुका है। अमरजीत सिंह ने बताया कि बाज की उम्र 70 साल है, और वह चालीस साल की उम्र में अपनी चोंच और पंख तोड़कर फिर से जवान हो जाता है। इस प्रक्रिया के बाद बाज की उम्र 30 साल और बढ़ जाती है।

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अमरजीत सिंह ने बाज के बारे में यह भी बताया कि यह अपने पूर्वजों के साथ जंगों में शामिल रहा है और रात को निगरानी पर रहता था। खनौरी बॉर्डर पर बाज किसानों का साथ देने और हौंसला बढ़ाने पहुंचा है।

प्रधानमंत्री के लिए निहंग अमरजीत सिंह ने कह डाली ये बड़ी बात

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किसानों के आंदोलन में निहंग अमरजीत सिंह ने किसानों की जमीन किसानों के पास रहने की बात कही और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि निहत्थे किसानों पर गोलियां चलवाना बेहद गलत है। उन्होंने कहा कि देश का पीएम को यह हरकत शोभा नहीं देती।

उन्होंने यह भी कहा कि मोदी के डर से बाकी नेताओं ने अपनी आवाज चुप रखी है, जबकि किसान नेता डल्लेवाल 32 दिनों से भूखा प्यासा आंदोलन कर रहा है। अमरजीत सिंह का यह भी कहना था कि अगर किसानों की ज़मीन नहीं बची, तो यह दुनिया भूखी रह जाएगी। उनका समर्थन किसानों के संघर्ष के प्रति पूरी तरह से स्पष्ट था।

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