पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री और अकाली दल के नेता Sukhbir Singh Badal पर दरबार साहिब के बाहर जानलेवा हमले की कोशिश हुई। हमलावर ने सुखबीर बादल पर गोली चलाने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा कर्मियों की तत्परता से यह साजिश नाकाम हो गई। घटना के समय सुखबीर बादल धार्मिक सजा भुगत रहे थे और व्हीलचेयर पर बैठे हुए थे।
हमलावर ने सुखबीर बादल के करीब पहुंचते ही पिस्तौल निकाली, लेकिन मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों और वहां मौजूद लोगों ने उसे पकड़ने की कोशिश की। इसी दौरान हमलावर की पिस्तौल से हवा में गोली चल गई। सुखबीर बादल पूरी तरह सुरक्षित हैं।
हमलावर की पहचान और कार्रवाई
पुलिस ने हमलावर को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया। उसकी पहचान नारायण सिंह चौड़ा के रूप में हुई है, जो डेरा बाबा नानक का रहने वाला है। पुलिस के मुताबिक, नारायण सिंह का आपराधिक रिकॉर्ड है, और वह 9MM पिस्तौल लेकर आया था। फिलहाल पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है और मामले की गहराई से जांच जारी है।
जानकारी के अनुसार नारायण सिंह का जन्म 04 अप्रैल 1956 को डेरा बाबा नानक (गुरदासपुर) के चौरा गांव में हुआ था। यह गरमख्याली कथित तौर पर गरमख्याली लिबरेशन फोर्स और अकाल फेडरेशन से जुड़ा था।
चौरा को 28 फरवरी 2013 को तरनतारन के जलालाबाद गांव से गिरफ्तार किया गया था और उसके साथियों सुखदेव सिंह और गुरिंदर सिंह को उसी दिन जिले के पंडोरी गांव से गिरफ्तार किया गया था। उनसे पूछताछ के बाद पुलिस ने मोहाली के कुराली गांव में एक ठिकाने पर छापा मारा और हथियारों और गोला-बारूद का जखीरा बरामद करने का दावा किया।
उसके खिलाफ आठ मई 2010 को अमृतसर के सिविल लाइंस थाने में विस्फोटक अधिनियम के तहत करीब एक दर्जन मामले दर्ज किए गए थे। वह अमृतसर, तरनतारन और रोपड़ जिलों में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामलों में भी वांछित था।
अमृतसर की एक अदालत ने विस्फोटक अधिनियम के तहत एक मामले में उसे बरी कर दिया था। चौरा 1984 में पाकिस्तान चला गया और आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पंजाब में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में सहायक था। पाकिस्तान में रहते हुए, उसने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब लिखी। वह बुड़ैल जेलब्रेक मामले में भी आरोपी था।
सांसद रंधावा से जुड़ा नाम
वहीं अकाली नेता दलजीत चीमा ने आरोप लगाया कि आरोपी चाैरा का भाई कांग्रेस सांसद सुखजिंदर रंधावा का बहुत करीबी है। उन्होंने मान सरकार पर सवाल उठाते हुए इस मामले की न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि ये हमला मान सरकार की विफलता है। समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने कहा कि यह बेहद दुखद है कि सुखबीर बादल की हत्या की कोशिश की गई।
वहीं एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि हम अपने सूत्रों के माध्यम से इसकी अच्छी तरह जांच करेंगे। हमलावर को पुलिस ने पकड़ लिया है और अपने साथ ले गई है…गुरु रामदास ने सुखबीर सिंह बादल को बचाया…हम सुरक्षा व्यवस्था की जांच कर रहे हैं।
वहीं भाजपा के राज्य प्रेस सचिव हरदेव सिंह उभा ने कहा कि मैं सुखबीर सिंह बादल पर हुए हमले की कड़ी निंदा करता हूं, आरोपियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए और सुखबीर सिंह बादल की सुरक्षा में हुई लापरवाही की जांच होनी चाहिए.
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष ने की निंदा
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने इस हमले की निंदा की है। वड़िंग ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था। मैं सुखबीर बादल पर गोली चलाने को सरकार की 100 फीसदी लापरवाही मानता हूं…यह पंजाब में कानून व्यवस्था की स्थिति को दर्शाता है। जिसने भी गोली चलाई है, उसे सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।
मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं। उन्होंने मांग की कि एसीपी को सस्पेंड किया जाना चाहिए, उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। यह कैसे हुआ? इसके लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए? सरकार किसी के मारे जाने का इंतजार कर रही है और फिर वे कह सकते हैं कि यह एक चूक थी…सिखों के मन में सुखबीर बादल के लिए नफरत हो सकती है…लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप उन्हें गोली मार देंगे।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने हमले को अत्यंत दुखद और निंदनीय है। श्री अकाल तख्त साहिब सिखों का सबसे बड़ा धार्मिक संगठन है और सुखबीर सिंह बादल अपनी सजा पूरी कर रहे थे, लेकिन उन पर हमला करना अत्यंत निंदनीय है। इसकी जांच होनी चाहिए और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
पंजाब पुलिस की मुस्तैदी की सराहना
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। सीएम ने कहा, “पंजाब पुलिस की मुस्तैदी से एक बड़ी घटना टल गई। हमलावर को काबू करने के लिए मैं पुलिस की सराहना करता हूं। सुखबीर बादल पर हमला कड़ी निंदा के योग्य है।”
सजा भुगत रहे थे सुखबीर बादल
ज्ञात हो कि श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा दिए गए धार्मिक सजा के तहत सुखबीर बादल व्हीलचेयर पर बैठे हुए थे, जब यह हमला हुआ। उन्हें और अन्य अकाली नेताओं को राम रहीम को माफी देने और अन्य गलतियों के लिए धार्मिक सजा सुनाई गई थी।
पंजाब में बढ़ती राजनीतिक हलचल
यह हमला पंजाब की राजनीति में हलचल मचा चुका है। आप सांसद राघव चड्ढा ने भी घटना की निंदा करते हुए कहा कि सभ्य समाज में ऐसी हिंसा का कोई स्थान नहीं है। साथ ही उन्होंने पुलिस की मुस्तैदी को सराहा।
पुलिस ने बताया कि दरबार साहिब के बाहर सुरक्षा के लिए 1 एआईजी, 2 एसपी, 2 डीएसपी और 175 कांस्टेबल तैनात थे। इसी कड़ी सुरक्षा के कारण हमलावर की साजिश सफल नहीं हो पाई।