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चैत्र नवरात्रि का पांचवा दिन, मां कात्यायनी की उपासना से शत्रु बाधा होगी दूर

धर्म-कर्म धर्म

    ● चैत्र नवरात्रि का पांचवा दिन, मां कात्यायनी की पूजा का महत्व
    ● गुरुवार व्रत का विशेष महत्त्व, भगवान विष्णु की पूजा करें
    ● शुभ-अशुभ मुहूर्त, राहुकाल और दिशाशूल की जानकारी

    Navratri 2025: आज 3 अप्रैल 2025 को चैत्र नवरात्रि का पांचवा दिन है, जिसे देवी कात्यायनी की उपासना के लिए विशेष माना जाता है। षष्ठी तिथि पर माता दुर्गा के पांचवें स्वरूप की पूजा की जाती है। मान्यता है कि कात्यायन ऋषि की घोर तपस्या से प्रसन्न होकर माता दुर्गा ने उनकी पुत्री के रूप में जन्म लिया, जिससे इनका नाम कात्यायनी पड़ा। चार भुजाओं वाली यह देवी सिंह पर सवार रहती हैं और उनकी पूजा करने से व्यक्ति को शत्रु बाधा से मुक्ति तथा विजयश्री प्राप्त होती है। पूजा के दौरान देवी को लाल गुलाब अर्पित करें और “ॐ देवी कात्यायन्यै नमः” मंत्र का जाप करें।

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    इसके साथ ही आज गुरुवार व्रत का भी विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की आराधना की जाती है। पूजा में पीले फूल, तुलसी, पंचामृत, हल्दी, गुड़ और चने की दाल अर्पित करने से शुभ फल मिलते हैं। भगवान विष्णु की आरती करें और श्री विष्णु चालीसा का पाठ करें। धन-संपत्ति की स्थिरता के लिए माता लक्ष्मी की भी आराधना करें और पीतल, सोना या धार्मिक ग्रंथों का दान करें। यह उपाय कुंडली के गुरु दोष को दूर करने में सहायक होता है।

    आज के महत्वपूर्ण पंचांग विवरण

    तिथि: षष्ठी (रात 09:41 PM तक), फिर सप्तमी
    नक्षत्र: रोहिणी (सुबह 07:02 AM तक), फिर मृगशिरा
    योग: सौभाग्य (रात 12:01 AM तक), फिर शोभन
    करण: कौलव (सुबह 10:40 AM तक), फिर तैतिल
    चंद्रमा की स्थिति: वृषभ राशि (शाम 06:22 PM तक), फिर मिथुन
    दिन: गुरुवार

    शुभ मुहूर्त

    रवि योग: सुबह 07:02 AM से अगले दिन 05:51 AM तक
    ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:37 AM से 05:23 AM
    अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:59 AM से 12:50 PM
    विजय मुहूर्त: दोपहर 02:30 PM से 03:20 PM

    चौघड़िया अनुसार शुभ समय

    दिन के चौघड़िया:

    • शुभ (उत्तम): सुबह 06:09 AM से 07:43 AM
    • चर (सामान्य): सुबह 10:51 AM से 12:24 PM
    • लाभ (उन्नति): दोपहर 12:24 PM से 01:58 PM
    • अमृत (सर्वोत्तम): दोपहर 01:58 PM से 03:32 PM
    • शुभ (उत्तम): शाम 05:06 PM से 06:40 PM

    रात्रि के चौघड़िया:

    • अमृत (सर्वोत्तम): शाम 06:40 PM से 08:06 PM
    • चर (सामान्य): रात 08:06 PM से 09:32 PM
    • लाभ (उन्नति): रात 12:24 AM से 01:50 AM
    • शुभ (उत्तम): रात 03:16 AM से 04:42 AM
    • अमृत (सर्वोत्तम): रात 04:42 AM से 06:08 AM

    अशुभ समय (राहुकाल व दिशाशूल)

    राहुकाल: दोपहर 01:58 PM से 03:32 PM
    गुलिक काल: सुबह 09:17 AM से 10:51 AM
    यमगण्ड: सुबह 06:09 AM से 07:43 AM
    दिशाशूल: दक्षिण दिशा

    सूर्योदय-सूर्यास्त व चंद्रोदय-चंद्रास्त

    सूर्योदय: 06:09 AM
    सूर्यास्त: 06:40 PM
    चंद्रोदय: 09:37 AM
    चंद्रास्त: 12:31 AM (4 अप्रैल)