Mahakumbh 2025: मौनी अमावस्या से पहले ही महाकुंभ नगर में आस्था का सैलाब, संगम नगरी बनी श्रद्धा का महासमुद्र

उत्तर प्रदेश धर्म-कर्म

Prayagraj  महाकुंभ 2025 में मौनी अमावस्या (29 जनवरी) के मुख्य अमृत स्नान से पहले ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। त्रिवेणी संगम पर स्नान के लिए आए लाखों श्रद्धालुओं ने प्रयागराज को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया है। रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और सड़कें श्रद्धालुओं से भरी हुई हैं, जिससे पूरे शहर में मेले जैसा माहौल बन गया है।

संगम पर आस्था का महासंगम

महाकुंभ नगर में पिछले दो दिनों में लगभग 1.25 करोड़ श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में स्नान कर चुके हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह संख्या मौनी अमावस्या के दिन 10 करोड़ तक पहुंच सकती है। संगम तट पर सुबह से ही भक्तों का जमावड़ा देखने को मिल रहा है। साधु-संतों के अखाड़े और नागा सन्यासी भी ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र स्नान के लिए तैयार हैं।

सड़कों से लेकर आसमान तक मेले का रंग

महाकुंभ नगर में आस्था का रंग हर जगह फैला हुआ है। श्रद्धालु भजन-कीर्तन करते हुए संगम की ओर बढ़ रहे हैं। सड़कों पर मेले की रौनक है, तो दूसरी ओर गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम स्थल पर भव्य आयोजन की तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। रेलवे ने बताया कि 27 जनवरी से तीन विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं, ताकि श्रद्धालु आसानी से महाकुंभ पहुंच सकें। इन ट्रेनों के अलावा 3,000 अतिरिक्त ट्रेनें पहले से ही सेवा में हैं।

महाकुंभ में व्यवस्थाओं का भव्य प्रबंधन

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए महाकुंभ क्षेत्र में 2,000 से अधिक साइनेज लगाए गए हैं, जो मेले के मार्गदर्शन में सहायक हैं। पार्किंग क्षेत्रों को चरणबद्ध तरीके से व्यवस्थित किया गया है। Integrated Control and Command Centre सक्रिय है, जो भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा की निगरानी कर रहा है।

कोई विशेष प्रोटोकॉल नहीं

महाकुंभ में अमृत स्नान के दौरान सभी श्रद्धालुओं को समान प्राथमिकता देने के लिए कोई विशेष प्रोटोकॉल लागू नहीं किया जाएगा। प्रशासन ने आमजन की सुविधा को सर्वोपरि रखते हुए यह फैसला लिया है।

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