margashirsha amavasya 2024

मार्गशीर्ष अमावस्या 2024: शिवलिंग पर इस धातु के लोटे से जल चढ़ाएं, पाएं सुख-शांति और समृद्धि

धर्म-कर्म धर्म

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, मार्गशीर्ष मास का विशेष महत्व है। यह मास भगवान विष्णु और महादेव को समर्पित माना जाता है। इस बार मार्गशीर्ष अमावस्या 30 नवंबर 2024 को मनाई जाएगी। इस दिन शिवलिंग पर विशेष धातु के लोटे से जल अर्पित करने से जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।

शिवलिंग पर जल चढ़ाने का महत्व

भोपाल के ज्योतिष आचार्य पंडित योगेश चौरे के अनुसार, मार्गशीर्ष अमावस्या पर शिवलिंग पर जल चढ़ाने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं। खास तौर पर अष्टधातु, तांबा या चांदी के लोटे से जल चढ़ाने के कई शुभ प्रभाव बताए गए हैं।

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धातुओं के अनुसार जल चढ़ाने का महत्व

1. अष्टधातु के लोटे से जल चढ़ाना

महत्व:

शिवलिंग पर अष्टधातु के लोटे से जल अर्पित करने से शुभ फल मिलते हैं।

लाभ:

भगवान शिव प्रसन्न होकर कार्यक्षेत्र में आने वाली बाधाएं दूर करते हैं।

जीवन में उन्नति और समृद्धि के मार्ग खुलते हैं।

2. तांबे के लोटे से जल चढ़ाना

महत्व:

तांबे का पात्र शिव पूजा में विशेष रूप से उपयोगी माना गया है।

लाभ:

तांबे के लोटे से जल चढ़ाने से सुख-शांति और समृद्धि आती है।

भगवान शिव को जल्दी प्रसन्न करने का सबसे आसान उपाय है।

3. चांदी के लोटे से जल चढ़ाना

महत्व:

चांदी को शांति और शीतलता का प्रतीक माना जाता है।

लाभ:

चंद्र और शुक्र दोष से मुक्ति मिलती है।

भाग्योदय होता है और कई प्रकार के रोग समाप्त हो जाते हैं।

मार्गशीर्ष अमावस्या के अन्य धार्मिक कार्य

पितरों के लिए श्राद्ध और पिंडदान करने की परंपरा है। भगवान शिव के जलाभिषेक के साथ व्रत और दान-पुण्य करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

मार्गशीर्ष अमावस्या पर विधि-विधान से पूजा करते हुए शिवलिंग पर धातु विशेष के लोटे से जल अर्पित करें। इससे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि के साथ-साथ कार्यक्षेत्र में तरक्की भी सुनिश्चित होती है।

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