Gurdwara Nanak Darbar Sahib Samalkha

Guru Arjun Dev की शहादत मुख्य रूप से धार्मिक असहिष्णुता का परिणाम, 18वें दिन में प्रवेश कर गए सुखमणि साहिब के पाठ

धर्म-कर्म पानीपत

(समालखा से अशोक शर्मा की रिपोर्ट) पानीपत के खंड समालखा के मॉडल टाउन स्थित गुरुद्वारा नानक दरबार साहिब में शहीद गुरु अर्जुन देव सिंह की याद में स्त्री सत्संग द्वारा किए जा रहे सुखमणि साहिब के पाठ रविवार को 18वें दिन में प्रवेश कर गए। आज के पाठ साहिब की सेवा अमर खन्ना, सतीश कुमार और तरेश कुमार के परिवार की तरफ से की गई। इस दौरान गुरमुख सिंह द्वारा गुरबाणी कीर्तन करके संगत को निहाल किया गया।

इस अवसर पर गुरद्वारा कमेटी के प्रधान जगतार सिंह बिल्ला ने संगत को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु अर्जुन देव की शहादत मुख्य रूप से धार्मिक असहिष्णुता का परिणाम थी। उन्होंने बताया कि जहांगीर के शासन के तहत मुगल साम्राज्य ने इस्लाम से भटकने वाली किसी भी धार्मिक अभिव्यक्ति को दबाने की कोशिश की। गुरु अर्जुन देव की सिख धर्म के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता और अपने विश्वास को त्यागने से इनकार के कारण उन्हें फांसी दी गई।

गुरु

इस दौरान जगतार सिंह बिल्ला ने बताया कि 10 सिख गुरुओं में से दो, गुरु अर्जुन देव और गुरु तेग बहादुर को यातनाएं दी गईं और उन्हें मार डाला गया। कई गुरुओं के करीबी रिश्तेदारों (जैसे कि गुरु गोबिंद सिंह के 7 और 9 साल के बेटे) को भी बेरहमी से मार दिया गया। साथ ही कई गुरुओं को भी मार दिया गया। उन्होंने कहा कि हमें गुरुओं की शिक्षाओं को अपने जीवन में धारण उनके दिखाए पथ पर आगे बढ़ना चाहिए। इस अवसर पर काफी संख्या में संगत मौजूद रही।

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