मध्य प्रदेश के गौरिहार जनपद के क्यूटी गांव में भगवान हनुमान जी की एक चमत्कारी मूर्ति स्थित है। इस स्थान पर न तो कोई मंदिर बना है और न ही कोई पुजारी रहते हैं। इसके बावजूद, यह स्थल श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है। सैकड़ों वर्षों से यहां हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन दर्शन करने आते हैं।
चट्टान में उभरी चमत्कारी मूर्ति:
स्थानीय निवासी और श्रद्धालु पंडित दिवाकर पयासी ने बताया कि यह मूर्ति सालों पुरानी है। उन्होंने कहा, “मैं पिछले 50 वर्षों से यहां दर्शन करने आ रहा हूं। हमारे पूर्वज भी इस मूर्ति की पूजा करते थे। मूर्ति चमत्कारी मानी जाती है और संतान प्राप्ति जैसी मनोकामनाओं को पूरा करती है।”
आग से धुंधला हुआ मूर्ति का आकार:
दिवाकर पंडित ने बताया कि पहले यह मूर्ति स्पष्ट रूप से दिखती थी, लेकिन कुछ साल पहले लगी आग के कारण मूर्ति का आकार धुंधला हो गया। हालांकि, इस घटना का श्रद्धालुओं की आस्था पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
झांसी और आसपास के जिलों से श्रद्धालु:
हनुमान जी की इस मूर्ति की ख्याति केवल मध्य प्रदेश तक ही सीमित नहीं है। उत्तर प्रदेश के झांसी सहित दूर-दराज के क्षेत्रों से भी श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं।
आदिशक्ति मूर्ति का प्रकट होना:
पन्ना के अजयगढ़ से आए श्रद्धालुओं ने बताया कि यह मूर्ति किसी ने बनाई नहीं, बल्कि यह विशाल चट्टान में अपने आप प्रकट हुई है। श्रद्धालु बताते हैं कि यहां कोई पुजारी स्थायी रूप से नहीं रह सकता।
मनोकामना पूर्ण होने पर चढ़ाया प्रसाद:
श्रद्धालुओं के अनुसार, यहां दर्शन करने वाले भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। एक श्रद्धालु ने बताया, “हमने तीन साल पहले पुत्र प्राप्ति की मनोकामना के साथ यहां दर्शन किए थे। अब पुत्र की प्राप्ति के बाद हमने शुद्ध घी और बेसन से बने सबा मन लड्डुओं का प्रसाद चढ़ाया है।”
आस्था का प्रतीक:
यह स्थान न केवल एक धार्मिक स्थल है बल्कि आस्था और चमत्कार का प्रतीक भी है। बिना किसी मंदिर या पुजारी के, यह स्थल हनुमान भक्तों की अडिग श्रद्धा को दर्शाता है।