नए साल की पहली दुर्गा अष्टमी पर लगाएं तीन तरह के भोग, पूरे होंगे अधूरे काम

नए साल की पहली दुर्गा अष्टमी पर लगाएं तीन तरह के भोग, पूरे होंगे अधूरे काम

धर्म-कर्म धर्म

सनातन धर्म में मासिक दुर्गा अष्टमी का विशेष महत्व है, जो हर माह अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है, जिसमें भक्त उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए अलग-अलग प्रकार के भोग अर्पित करते हैं। 2025 में पहली मासिक दुर्गाष्टमी 7 जनवरी को मनाई जा रही है। इस दिन मां दुर्गा को विशेष भोग अर्पित करने से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान भी होता है।

मासिक दुर्गा अष्टमी 2025 का शुभ मुहूर्त:

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 6 जनवरी को शाम 6:23 बजे से शुरू होगी और 7 जनवरी को शाम 4:26 बजे समाप्त होगी। इस दिन व्रत और पूजा का विशेष महत्व है, खासतौर पर उन लोगों के लिए जो जीवन में किसी विशेष कार्य में सफलता चाहते हैं।

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मां दुर्गा को अर्पित करें ये तीन भोग:

  1. घी से बना हलवा: यदि आप मां दुर्गा को घी से बना हलवा अर्पित करते हैं, तो उनके आशीर्वाद से जीवन में समृद्धि और सफलता मिलती है। इस दिन घी से बने हलवे का भोग अर्पित करने से कार्यक्षेत्र में आने वाली परेशानियां दूर हो सकती हैं। साथ ही, यदि कोई लंबी समस्या हो, तो हलवे का प्रसाद बांटने से अच्छे परिणाम मिलते हैं।
  2. सफेद मिठाई: मां दुर्गा को सफेद मिठाई का भोग अर्पित करना बेहद शुभ माना जाता है। सफेद रंग शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक है। इस दिन सफेद मिठाई अर्पित करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और जीवन की बाधाएं दूर हो सकती हैं। विशेष कार्यों में सफलता पाने के लिए यह उपाय प्रभावी हो सकता है।
  3. अनार का फल: अनार का फल मां दुर्गा को भोग में अर्पित करना भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है। अनार अर्पित करने से मनचाहे फल प्राप्त होते हैं। इसके साथ ही, अनार का भोग लगाते समय मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करने से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है और सौभाग्य में वृद्ध‍ि होती है।

इन तीन भोगों को अर्पित करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और जीवन के अधूरे काम पूरे होते हैं।

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