सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की असीम कृपा से हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, समालखा में 77वां वार्षिक संत समागम का आयोजन आज से शुरु हो चुका है। यह समागम 18 नवंबर 2024 तक आयोजित किया जाएगा। समागम तीनों दिन 2 से 8 बजे तक रहेगा। सतसंग में लाखों की संख्या में अनुयायी पहुंच चुके है।
इस समागम में प्रेम, शांति और एकत्व का संदेश दिया जाता है, जो समस्त मानवता के कल्याण के लिए समर्पित होता है। लाखों श्रद्धालु भक्त यहां धर्म, जाति और भाषा से ऊपर उठकर सेवा, सुमिरण और सत्संग करते हैं।
इस वर्ष का विषय ‘विस्तार, असीम की ओर’ है, जिसमें भक्त गीत, विचार और कविताओं के माध्यम से भक्ति भाव प्रकट करेंगे। समागम में सतगुरु माता जी और निरंकारी राजपिता जी के प्रवचनों का आशीर्वाद भी भक्तों को प्राप्त होगा।
सेवा और समर्पण का अद्भुत दृश्य
समागम को सफल और सुचारु रूप से आयोजित करने के लिए निरंकारी मिशन के सेवादार महीनों पहले से ही सेवाओं में जुट जाते हैं। ग्राउंड पर हर आयु-वर्ग के नर-नारी मिट्टी से लेकर टेंट लगाने तक की सेवाएं कर रहे हैं।
लंगर, कैंटीन, प्रकाशन आदि सभी सुविधाएं पूरी निष्ठा से संचालित की जा रही हैं। भक्तजन एक-दूसरे को ‘धन निरंकार जी’ कहकर सम्मान प्रकट करते हैं, और उनके चेहरों पर एक रूहानी आभा बिखरी होती है।
संत निरंकारी मंडल के सचिव की जानकारी
समागम के समन्वयक जोगिंदर सुखीजा ने बताया कि समागम में शामिल संतों के ठहरने, भोजन, शौच, स्वास्थ्य और सुरक्षा की पूरी तैयारी की जा रही है। राज्य प्रशासन का भी पूरा सहयोग प्राप्त हो रहा है। इस आध्यात्मिक स्थल को एक ‘भक्ति के नगर’ का रूप दिया जा रहा है, जहां देश-विदेश से लाखों संत महात्मा सम्मिलित होंगे।