Bhiwani के रोहतक रोड स्थित राधास्वामी सत्संग भवन में आज गुरु नानक साहब के अवतरण दिवस पर विशाल सत्संग आयोजित किया गया। इस अवसर पर राधास्वामी सत्संग के परमसंत सतगुरु कँवर साहेब जी महाराज ने गीता में श्री कृष्ण जी के संदेश की व्याख्या करते हुए कहा कि संत परमात्मा के ही अवतार होते हैं, जो पापियों को पाप मुक्त करके उन्हें सतोगुणी बनाते हैं।
सतगुरु कँवर साहेब जी महाराज ने अपने प्रवचन में संतों की शक्ति की चर्चा की और कहा कि संतों की शक्ति स्वाभाविक रूप से प्रकट होती है, और वे समाज में भाईचारे, प्रेम और दया का संदेश फैलाते हैं। उन्होंने गुरु नानक साहब के जीवन का उदाहरण देते हुए बताया कि नानक साहब ने धर्म, जाती, ऊंच-नीच के भेदभाव को मिटाया और सभी को एकता का संदेश दिया।
गुरु नानक साहब के कर्मों से प्रेरणा
कँवर साहेब जी महाराज ने गुरु नानक साहब के द्वारा किए गए धार्मिक कार्यों का जिक्र करते हुए एक प्रसंग सुनाया। उन्होंने बताया कि जब हरिद्वार में लोग सूर्य को अर्ध दे रहे थे, तब गुरु नानक साहब ने गंगा में खड़े होकर पानी एक दिशा में फेंका और कहा कि पंजाब के खेतों में यह पानी पहुंच रहा है। यह बताता है कि संतों का आशीर्वाद और कर्म अनंत होते हैं।
रक्तदान शिविर का उद्घाटन
सत्संग के दौरान, सतगुरु कँवर साहेब जी महाराज ने रक्तदान शिविर का उद्घाटन भी किया। इस शिविर में 200 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया, जो जरूरतमंदों की मदद के लिए उपयोग किया जाएगा।
संतों के आशीर्वाद से समाज में परिवर्तन
हुजूर महाराज जी ने समाज में सुधार के लिए एक संकल्प लेने की बात की। उन्होंने कहा कि अगर हम किसी की मदद नहीं कर सकते, तो कम से कम यह सुनिश्चित करें कि हमारे कारण किसी को कोई तकलीफ नहीं हो। इसके अलावा, उन्होंने मांसाहार को राक्षसों का खाना बताते हुए संतों के संदेश के अनुसार परहित को सबसे बड़ा धर्म बताया।
संतों के दर्शन से जीवन में आ सकता है बदलाव
सतगुरु कँवर साहेब जी महाराज ने बताया कि जीवन में परिवर्तन तभी संभव है जब हम संतों के बताए मार्ग पर चलें और स्वयं को सुधारें। उन्होंने समाज से अपील की कि वे संतों के साथ प्रेम करें और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को संवारें।