Puja Muhurta of Trayodashi Pradosh Vrat

शिव और विष्णु पूजन से मनोकामना पूर्ति, विवाह योग, शत्रु नाश और गुरु दोष शमन का योग

धर्म

● आज गुरु प्रदोष व्रत और गुरुवार व्रत का शुभ संयोग, शिव और विष्णु दोनों की पूजा का विशेष फल
● शाम 6:44 से प्रदोष पूजा का मुहूर्त, दोपहर 12:24 से रवि योग में दोष निवारण संभव

Thursday Vrat Puja: आज गुरुवार, 10 अप्रैल 2025 को भक्तों के लिए विशेष पुण्यफलदायक दिन है क्योंकि आज गुरु प्रदोष व्रत और गुरुवार व्रत दोनों एक साथ पड़ रहे हैं। पंचांग के अनुसार, आज चैत्र शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र दोपहर 12:24 बजे तक रहेगा, जिसके बाद उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र प्रारंभ होगा। आज वृद्धि योग शाम 6:59 तक है और रवि योग दोपहर 12:24 बजे से शुरू होकर अगले दिन सुबह 6:00 बजे तक रहेगा।

गुरु प्रदोष व्रत में शाम को भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। पूजा का मुहूर्त आज शाम 6:44 से रात 8:59 तक है। इस काल में भगवान शिव को बेलपत्र, भांग, मदार के फूल, शमी के पत्ते, धूप, दीप, गंगाजल, शहद, फल आदि अर्पित कर शिव चालीसा और प्रदोष व्रत कथा पढ़ी जाती है। इस व्रत से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है, मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सुख-समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है।

वहीं गुरुवार व्रत में सुबह श्रीहरि विष्णु की पूजा की जाती है। वृद्धि योग में भगवान विष्णु के साथ केले के पौधे की पूजा का विधान है। पूजा में हल्दी, पीले फूल, फल, तुलसी के पत्ते, पंचामृत, अक्षत और दीप-धूप अर्पित किए जाते हैं। श्रीहरि को गुड़ व काले चने का भोग लगाकर विष्णु सहस्रनाम का पाठ और व्रत कथा का श्रवण लाभकारी होता है। यह व्रत विवाह के योग मजबूत करता है, गुरु दोष को शांत करता है और वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाता है। साथ ही हल्दी, पीले वस्त्र, सोना, पीला चंदन और धार्मिक पुस्तक का दान करने से गुरु ग्रह बलवान होता है।

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आज का दिशाशूल दक्षिण दिशा में है और चंद्रमा सिंह राशि में संचार कर रहा है, जो शाम 7:04 बजे के बाद कन्या राशि में प्रवेश करेगा। सूर्योदय सुबह 6:01 पर और सूर्यास्त शाम 6:44 पर हुआ है। चंद्रोदय आज 4:33 पर और चंद्रास्त कल सुबह 5:00 बजे होगा।