अयोध्या(Ayodhya) में बुधवार को रामनवमी(Ram Navami) मनाई गई। इस अवसर पर दोपहर 12 बजे से रामलला का सूर्य तिलक किया गया। यह रामलला(Ramlala) का पहला सूर्य तिलक था। सूर्य तिलक के बाद रामलला का जन्म मनाया गया और मंदिर में आरती की गई। इसके बाद कुछ देर के लिए रामलला का पट बंद कर दिया गया। इस दौरान करीब 3 मिनट तक नीली किरणें(Ayodhya में प्राण-प्रतिष्ठा के बाद Ram Navami पर हुआ Ramlala का पहला सूर्य तिलक, 3 मिनट तक माथे पर पड़ी Blue Rays) रामलला के माथे पर पड़ती रही।
बता दें कि पहले जगद्गुरु राघवाचार्य ने 51 कलशों से भगवान रामलला का अभिषेक किया। सुबह 3.30 बजे मंदिर के कपाट खुल गए, जो कि आमतौर पर 6.30 बजे खुलते हैं। श्रद्धालु रात 11.30 बजे तक दर्शन कर सकेंगे। सूर्य तिलक के लिए अष्टधातु के 20 पाइप से 65 फीट लंबा सिस्टम बनाया गया। इसमें 4 लेंस और 4 मिरर के जरिए गर्भ गृह तक रामलला के मस्तक पर किरणें पहुंचाई गईं। अब तक 6 लाख श्रद्धालु अयोध्या पहुंच चुके हैं। राम जन्मभूमि परिसर में लंबी लाइनें लगी हैं। पीएम नरेंद्र मोदी बुधवार को असम के नलबाड़ी में चुनावी रैली के लिए पहुंचे थे।

वहां उन्होंने हेलिकॉप्टर में बैठकर सूर्य तिलक देखा। पीएम ने इसके बाद लिखा कि नलबाड़ी की सभा के बाद मुझे अयोध्या में रामलला के सूर्य तिलक के अद्भुत और अप्रतिम क्षण को देखने का सौभाग्य मिला। श्रीराम जन्मभूमि का ये बहुप्रतीक्षित क्षण हर किसी के लिए परमानंद का क्षण है।

10 हजार मंदिरों में भक्तों ने गाई स्तुति
रामलला के जन्मोत्सव पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, महासचिव चंपत राय, सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्र, आईजी प्रवीण कुमार, डीएम नीतीश कुमार मौजूद रहे। अयोध्या के 10 हजार मंदिरों में भजन जन्मोत्सव के बाद पुजारी और भक्त रामलला के भजन गा रहे हैं। अयोध्या के करीब 10 हजार मंदिरों में भी भए प्रगट कृपाला दीनदयाला की स्तुति हो रही है।

	