mathura

Mathura के मधुवन कुंड में स्नान: पापों से मुक्ति और 100 गुना पुण्य लाभ

धर्म

Mathura से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित मधुवन गांव में मौजूद मधुवन कुंड एक ऐसा पवित्र स्थान है, जहां स्नान करने से पापों का नाश होता है और गया जाने जितना फल मिलता है। स्कंद पुराण के अनुसार, इस कुंड में स्नान और तर्पण से व्यक्ति को 100 गुना पुण्य लाभ होता है।

धार्मिक मान्यता और इतिहास
मधुवन कुंड को ध्रुव तीर्थ के रूप में भी जाना जाता है। मान्यता है कि ध्रुव ने यहां तपस्या कर भगवान विष्णु को प्रसन्न किया था। इस तीर्थ स्थल का उल्लेख स्कंद पुराण में भी किया गया है। यहां स्नान करने और पितरों का तर्पण करने से व्यक्ति भवसागर से मुक्ति पा सकता है।

download 2024 12 06T224723.454

कुंड का महत्व
मंदिर के पुजारी देवीदास महाराज बताते हैं कि मधुवन कुंड, जिसे कृष्ण कुंड भी कहा जाता है, श्रीकृष्ण द्वारा उनकी बांसुरी से खोदा गया था। यह कुंड न केवल भगवान कृष्ण की लीलाओं का साक्षी है, बल्कि श्राद्ध पक्ष में यहां तर्पण करने से मृत आत्माओं को शांति मिलती है।

download 2024 12 06T224816.404

स्कंद पुराण में उल्लेख
स्कंद पुराण के मथुरा खंड में कहा गया है कि ध्रुव तीर्थ पर किए गए यज्ञ, तपस्या, दान और भगवान के नामों का जाप अन्य तीर्थ स्थलों की तुलना में 100 गुना अधिक प्रभावी होता है। इस कुंड में स्नान करने वाले को पापों से मुक्ति और पुण्य का लाभ मिलता है।

ब्रज चौरासी कोस यात्रा का पहला पड़ाव
मधुवन गांव ब्रज चौरासी कोस यात्रा का पहला पड़ाव है। यहां हर दिन हजारों श्रद्धालु स्नान और पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। यह कुंड भगवान कृष्ण की लीलाओं और ध्रुव की तपस्या का प्रमाण है।

श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र
श्राद्ध पक्ष के दौरान, कुंड में तर्पण करने से बिहार के गया जैसे पवित्र स्थल के समान फल मिलता है। इसे मृत आत्माओं की शांति और पूर्वजों के तर्पण के लिए एक आदर्श स्थान माना जाता है।

धार्मिक पर्यटन का केंद्र
मधुवन कुंड और इसके आसपास के मंदिर न केवल तीर्थयात्रियों के लिए आकर्षण हैं, बल्कि भारतीय पौराणिक इतिहास और आस्था का प्रतीक भी हैं। श्रद्धालु यहां स्नान और दर्शन कर अपने जीवन के पापों से मुक्ति पाने की कामना करते हैं।

Read More News…..