प्रसिद्ध समाजसेवी स्वर्गीय सुनील वर्मा की 25वीं पुण्यतिथि एवं मानव जनकल्याण हेतु 11-12 सेक्टर हुड्डा में वर्मा परिवार के सौजन्य से आयोजित श्रीमद् भागवत कथा की बुधवार को द्वितीय दिवस पर प्रधान विशाल वर्मा एवं श्रीराम वर्मा ने सर्वप्रथम व्यासपीठ पूजन किया।
इस अवसर पर प्रसिद्ध कथावाचक पंडित राधे-राधे महाराज ने कहा कि सच्चा कर्म वही है, जो लोगों की सेवा में काम आए, लोगों की सेवा करना ही सच का सत्संग होता है। जब तक आप जनमानस के कल्याण की बात नहीं कहेंगे, तब तक आप किसी भी सत्संग में चले जाएं, उसका फल आपको प्राप्त नहीं होगा। मानव कल्याण करना एवं मानव कल्याण के रास्ते पर चलना ही असली भागवत है। भागवत भी हमें जनमानस के कल्याण का रास्ता दिखाती है, इसलिए उसको भागवत कहा गया है। भागवत वही जिसमें सबका भाग हो, सबका हिस्सा हो।

बिना धर्म के तो व्यक्ति कर्म विहीन
राधे-राधे महाराज ने विकास मंच से आहृवान किया कि अपने धर्म की रक्षा के लिए यदि प्राण भी न्यौछावर हो जाए, तो भी निष्ठामन एवं कर्तव्य पथ पर चलते हुए अपने प्राण का न्यौछावर करना भी सच्चा धर्म कहलाता है, क्योंकि यदि धर्म नहीं बचा तो फिर सत्संग का क्या लाभ है। धर्म ही सर्वश्रेष्ठ और धर्म नीति राजनीति से श्रेष्ठ मानी गई है। धर्म परायण होकर ही व्यक्ति काम कर सकता है, बिना धर्म के तो व्यक्ति कर्म विहीन है। इसलिए सर्वप्रथम अपने धर्म की रक्षा के लिए तत्पर तैयार रहना चाहिए। वर्तमान परिवेश को देखते हुए यदि हम अपने धर्म की रक्षा भी नहीं कर सके तो फिर राष्ट्र की धर्म की कल्पना करना अतिसियोक्ति होगी।
कर्म ही धर्म की प्रथम सीढ़ी
राधे राधे महाराज ने कहा कि कर्म के बिना मनुष्य विचाराधीन रहता है, केवल विचार की दुनिया के अंदर भूला भटका जा इधर उधर का चिंतन करता हुआ, अपने आपको खो देता है, यदि हम कर्म के अनुसार अपने जीवन को नहीं व्यतीत करते है, तो समझो यह वही बात है, जिस प्रकार से बिना घास की कोई हिरण चारावहां में चर रहा हो। कर्म के बिना धर्म की कल्पना करना निरर्थक है, क्योंकि कर्म ही धर्म की प्रथम सीढ़ी है। धर्म करने के लिए भी पहले हमें कर्म करना पड़ेगा, यद्यपि शास्त्रों में धर्म की भूमिका का विस्तृत वर्णन है, परंतु जहां धर्म की चर्चा पर शास्त्रों में विशेष चर्चा रही। वही भगवत गीता के अंदर योगीराज भगवान कृष्ण ने अर्जुन को कुरुक्षेत्र के पावन पवित्र स्थल पर केवल कर्म का बोध कराया, भगवान श्री कृष्ण ने गीता के अंदर कर्म को इतनी प्रधानता दी, जैसे मानव धर्म उसके सामने बौना हो गया हो।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर प्रधान विशाल वर्मा, प्रवीण वर्मा नगर पार्षद शकुंतला गर्ग, पं. निरंजन पाराशर, श्रीराम वर्मा, हरीश बडेरा सुशील सहगल, सुभाष वर्मा, नवीन वर्मा, विकास वर्मा, दीपक, सुभाष गर्ग, डॉ. रमेश चुघ, अशोक नारंग, राज ओबरॉय, अमित मक्कड़, नीना ग्रोवर आदि सहित अनेक श्रद्वालु मौजूद रहे।