57448972

आज चैत्र पूर्णिमा, हनुमान जयंती और शनिवार व्रत का महासंयोग

धर्म


● दिनभर पाताल की भद्रा, हनुमान जी की पूजा से शनि-मंगल दोष का निवारण
● तिथि, योग, नक्षत्र और शुभ मुहूर्तों की विस्तृत जानकारी के साथ विशेष पूजा विधि


Chaitra Purnima Rituals: आज का दिन पंचांग और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि चैत्र शुक्ल पूर्णिमा, हनुमान जयंती और शनिवार व्रत एक साथ पड़ रहे हैं। आज हस्त नक्षत्र, व्याघात योग और विष्टि करण है। दिनभर पाताल की भद्रा विद्यमान है। चंद्रमा कन्या राशि में है और पूर्व दिशा का दिशाशूल है। इस विशेष तिथि पर सुबह में पवित्र नदी या जल में स्नान कर दान देने से पुण्य की प्राप्ति होती है। पितरों के तर्पण से पितृ दोष समाप्त होता है।

चैत्र पूर्णिमा की शाम को माता लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा करने का विशेष महत्व है। दिन में सत्यनारायण भगवान की कथा सुनना और पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। आज ही के दिन पवनपुत्र हनुमान जी का जन्म हुआ था, इसलिए देशभर में हनुमान जन्मोत्सव हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है। श्रद्धालु हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और बजरंग बाण का पाठ कर रहे हैं। उन्हें पान, लड्डू, इमरती, नारियल आदि का भोग लगाया जा रहा है।

Whatsapp Channel Join

शनिवार व्रत के चलते आज शनि देव की उपासना भी विशेष फलदायी मानी गई है। जिनकी कुंडली में शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या शनि-मंगल दोष है, वे आज हनुमान जी और शनि देव दोनों की पूजा करें। शनि देव को काला तिल, शमी के फूल, सरसों का तेल, गुलाब जामुन आदि अर्पित करें। शनि चालीसा का पाठ और शनिवार व्रत कथा श्रवण से कष्टों से मुक्ति मिलती है।
दान का भी आज अत्यधिक महत्व है – काला कंबल, नीले वस्त्र, लोहा, चप्पल-जूते और शनि मंत्रों का जाप शुभ माना गया है।