श्रीनगर से करीब 14 किलोमीटर की दूरी पर एक मंदिर है, जिसे धारी देवी मंदिर (Dhari Devi Temple) के नाम से भी जाना जाता है। यहां हर दिन एक चमत्कार देखने को मिलता है। माता की मूर्ति यहां तीन अलग-अलग रूपों में प्रतिष्ठित हैं। सुबह में वह कन्या के रूप में, दोपहर में युवती के रूप में और शाम को बूढ़ी महिला के रूप में प्रतिष्ठित होती हैं। यह वाकई हैरान कर देने वाला दृश्य है।
बता दें कि इस मंदिर की कहानी भी बेहद रोचक है। पौराणिक कथा के अनुसार एक बार भीषण बाढ़ आई थी। जिसमें मंदिर बह गया था। इसी बाढ़ में माता की मूर्ति भी बह गई थी, लेकिन एक चट्टान पर उस मूर्ति ने ठहरने का निर्देश दिया और उसी स्थान पर धारी देवी का मंदिर बना। 2013 में मंदिर को तोड़ दिया गया था और मां धारी की मूर्ति को उस स्थान से हटा दिया गया था। इसी वजह से उत्तराखंड में भयानक बाढ़ आई थी।

कहा जाता है कि मां धारी की प्रतिमा को 16 जून 2013 को हटाया गया था और उसके कुछ ही घंटों बाद राज्य में आपदा आई थी। बाद में उसी जगह पर फिर से मंदिर का निर्माण कराया गया।

झील के बीच में मौजूद मंदिर
माता धारी का मंदिर उत्तराखंड के श्रीनगर से 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां प्रतिदिन आए लोगों को अपनी अनूठी मूर्ति के चमत्कार से प्रेरित करता है। यह झील के बीच में स्थित है। यहां के पुजारी मानते हैं कि मां धारी उत्तराखंड के चारधाम की रक्षा करती हैं। मां धारी को पहाड़ों और तीर्थयात्रियों की रक्षक देवी माना जाता है।

