Hanuman Janmotsav : एशिया की सबसे बड़ी टैक्सटाइल नगरी माने जाने वाली पानीपत(Panipat) के ऐतिहासिक शहर में 23 अप्रैल को एक नया इतिहास रचा जाएगा। जिसमें पानीपत नगर में स्वयंभू श्री हनुमानजी महाराज(Hanumanji Maharaj) स्वयं रथ पर विराजमान होकर नगर भ्रमण को निकलेंगे, यह नजारा सबके लिए अनोखा होगा। साथ ही जगह-जगह स्वागत(Welcome) किया जाएगा। भव्य रथयात्रा सनौली रोड सब्जी मंडी से प्रारंभ होकर नगर के विभिन्न बाजारों से होती हुई देवी मंदिर में संपन्न होगी। यह जानकारी समाजसेवी विकास गोयल एवं हरीश बंसल ने दी।
बता दें कि पानीपत में श्री हनुमानजी का स्वयंभू मंदिर पूर्बीयन घाटी में स्थित है। बुजुर्गों का दावा है, यह प्रदेश का पहला स्वयंभू मंदिर है। मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता शायद कम ही लोग जानते हैं। यहां पर आने वाले भक्तों को हर शनिवार मीठा पान प्रसाद के रूप में दिया जाता है, जो पान भक्तों को प्रसाद स्वरूप में दिए जाते हैं, उन्हें यहां आने वाले भक्ति अपहृत करके मन्नत मांगते हैं, यह सिलसिला कई वर्षों से जारी है। पुजारी बताते हैं कि यहां पर हनुमान जी स्वयं प्रकट हैं और मंदिर जिस मोहल्ले में स्थित है, उसे पूर्बीयन घाटी नाम से जाना जाता है।

पूर्बीयन इसलिए पड़ा था, क्योंकि पुराने जमाने में टीले के ऐसे मुहाने पर थी। जिससे सूर्य में की पहली किरण यहीं पर पड़ती थी।
कहते हैं मराठाओं की सेना युद्ध पर जाने से पहले इस मंदिर के सामने खड़े होकर हनुमानजी को सैल्यूट करते थे। इसी प्राचीन मंदिर के स्वरूप को रथ पर विराजमान करके कल पानीपत के विभिन्न बाजारों का नगर भ्रमण कराया जाएगा।

किन्नर समाज करेगा रथ यात्रा का स्वागत
इस अवसर पर विशाल रथ यात्रा सनौली रोड सब्जी मंडी से प्रारंभ होकर सेठी चौक, अमर भवन चौक, पूर्बीयन घाटी, पचरंगा बाजार, चौड़ा बाजार, इंसार बाजार, सलारगंज गेट होते हुए देवी मंदिर में संपन्न होगी। इस बार भक्तों ने विशेष रूप से बाबा की भव्य रथ यात्रा का स्वागत का मन बनाया है। कहीं बाबा को कोई छप्पन भोग का प्रसाद लगा रहा है, तो कहीं पर लोग विदेशों से फूल मंगवाकर श्री हनुमानजी की रथ यात्रा का भव्य स्वागत करने जा रहे हैं। वहीं किन्नर समाज बाबा की रथ यात्रा का भव्य रुप से स्वागत करेगा। वही वृंदावन ट्रस्ट द्वारा कढ़ी और चावल का भोग बाबा को विशेष रूप से लगाया जाएगा।