कुंडली में Kalsarp दोष बहुत अशुभ फल देने वाला माना जाता है। मान्यता है इस दोष के कुंडली में होने पर व्यक्ति का जीवन बहुत संघर्ष भरा होता है।
शास्त्र के अनुसार जातक की कुंडली में ग्रहों के एक विशेष स्थिति में होने पर Kalsarp योग बनता है। Kalsarp योग बनने पर जातक की कुंडली में कालसर्प दोष लगता है। Kalsarp दोष को बहुत ही अशुभ फलदायक माना जाता है। कुंडली में Kalsarp दोष होने से व्यक्ति के जीवन में तरह तरह की समस्याएं आती रहती हैं और व्यक्ति का जीवन संघर्ष भरा रहता है। हिंदू धर्म में राहु और केतु छाया ग्रह माने जाते हैं। ये दो ऐसे ग्रह हैं, जो हमेशा एक दूसरे के आमने-सामने रहते हैं और जब ग्रह ऐसी स्थिति में होते हैं कि सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में आ जाएं तब एक योग का निर्माण होता है। इसी योग को कुंडली में Kalsarp दोष कहते हैं। जिन लोगो की कुंडली में Kalsarp दोष होता है, उनको जीवन में अनेक तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

इस दोष से पीड़ित व्यक्ति का जीवन आर्थिक, मानसिक और शारीरिक परेशानियों से घिरा रहता है और उन्हें पूरे जीवन घोर संघर्ष करना पड़ता है। कालसर्प दोष का बुरा प्रभाव व्यक्ति की सेहत पर भी पड़ता है। जिसकी वजह से स्वास्थ्य सही नहीं रहता है और कोई न कोई रोग हमेशा बना ही रहता है, एक बीमारी सही होती है, तो कुछ ही समय बाद दूसरी बीमारी शुरू हो जाती है।

जीवन में बार-बार होती है धन की हानि
माना जाता है कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को नौकरी या व्यवसाय में भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन्हें जीवन में बार बार धन की हानि भी झेलनी पड़ती है। कुंडली के कालसर्प दोष का जातक के वैवाहिक जीवन पर भी असर पड़ता है। ऐसे लोगों का वैवाहिक जीवन तनावपूर्ण बना रहता है और संतान की तरफ से भी इनके जीवन में कई तरह की परेशानियां आती हैं। कालसर्प दोष के उपाय जानें ज्योतिष शास्त्र में कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करने के बहुत से उपाय भी बताए गए हैं। इन उपाय को अच्छी तरह से करने से कालसर्प दोष के प्रभाव काफी कम हो जाते हैं।

ये करें उपाय
कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को अपने घर में और अपने पास मोर पंख जरूर रखना चाहिए और किसी पवित्र नदी में चांदी से बने नाग नागिन के जोड़े को प्रवाहित करना चाहिए। भगवान शिव की पूजा करना कालसर्प दोष में बहुत लाभकारी होता है, इसलिए भगवान शिव की पूजा करें और घर में या मंदिर जाकर प्रतिदिन शिवलिंग पर दूध चढ़ाकर शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए और पूजा अर्चना करनी चाहिए।

महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप लाभकारी
कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करने के लिए प्रतिदिन महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करना विशेष लाभकारी माना जाता है। मान्यता के अनुसार भगवान शिव के अवतार हनुमानजी की पूजा भी कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करती है, इसलिए प्रतिदिन 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। कालसर्प दोष होने पर कुलदेवी या कुलदेवता की नियमित पूजा करना भी लाभदायक माना जाता है।

