इस वर्ष भी तीज के त्योहार को बडे़ धूम -धाम से मनाया जाएगा। इस वर्ष 2023 मे तीज के त्योहार पर लोगों के बीच भेद-भाव की भावना कम होगी। तीज के दिन लोगों के मन मे एक अलग खुशी देखने को मिलती है। तीज के त्योहार को लेकर बच्चों के मन मे उत्साह और उमंग भर जाती है, क्योकि तीज के दिन औरतें अच्छे-अच्छे पकवान बनाती है। जो बच्चों के मन को मोह लेता है।
इस त्योहार का आनंद लेने के लिए महिलाएं झूले-झूलती हैं, लोक गीत गाकर उत्सव मनाती हैं। हरियाली तीज के अवसर पर देशभर में कई जगह मेले लगते हैं और माता पार्वती की सवारी धूमधाम से निकाली जाती है। हर तरफ हरियाली छा जाती है, मौसम सुहाना हो जाता है।
जानिए कब मनाया जाता है तीज का त्योहार
हिंदूओ के अनुसार हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर तीज का त्योहार मनाया जाता है। इस वर्ष तीज शनिवार 19 अगस्त को मनाई जाएगी। भारत के कई हिस्सों में तीज का त्योहार मनाया जाता है। जैसे राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार और हरियाणा इन राज्यों में इसे बड़े धूम-धाम से बनाया जाता है। तीज का त्योहार हिंदूओ का लोकप्रिय त्योहार माना जाता है। हरियाली तीज महिलाओं के बीच प्रेम, की भावना को बढ़ाती है।
क्या है तीज का असली महत्व
सावन की हरियाली तीज पर हरे रंग का खास महत्व है, इस दिन हरे रंग के उपयोग के अनेक लाभ मिलते हैं।सावन के महीने में चारो और हरियाली छा जाती है, रंग-बिरंगे फूल खिल जाते है, पशु-पक्षी इस मौसम में झूमने लगते है, चारो तरफ अदभूत दृश्य देखने को मिलता है। सावन के महीने में तीज का त्योहार मनाया जाता है।
तीज का त्यौहार लाता है बहार, लेकर आता बहुत-सा प्यार। हर तरफ ख़ुशी का माहौल है, तीज का त्यौहार होता अनमोल हैं। बच्चे तीज के दिन हरियाली को देखकर खिल उठते है, चारो तरफ बच्चों का शोर मच रहा है। एक दूसरे की पतंग को काटने के लिए मारो का शोर मचाते है। तीज के दिन औरते सजती सवर्ति है, हाथो में महेंदी लगाती है और अपने पति की लम्बी उर्म के लिए व्रत रखती हैं।
महिलाएं किन नियमों के साथ कर सकती हैं तीज का व्रत
तीज त्यौहार के दिन औरते व्रत रखती है, और 24 घण्टे तक अन्न व पानी का त्याग करती है। तीज का व्रत बहुत कठिन होता है। कुंवारी लड़किया भी इस व्रत को रख सकती है, लेकिन उन्हे भी पुरी सर्द्दा और नियम के साथ व्रत को रखना पडे़गा। इस व्रत मे महिलओ को भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन करते है। इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का मिलन हुआ था। इसलिए महिला इस व्रत को पूरे सर्द्दा भाव के साथ रखती है।
तीज के व्रत को निर्जला एकादशी के व्रत के जैसे रखा जाता है। इस व्रत के कुछ नियमो होते हैं, उनका पालन करना पड़ता है। यदि कोई महिला या लड़की एक बार इस व्रत को रखती है, तो उसे हर तीज को व्रत रखना पडता है। इस व्रत को बीच मे नही छोड़ना चाहिए। इससे भगवान शिव और माता पार्वती का अपमान होगा।