Mata Bhramari Devi Temple

Mata Bhramari Devi Temple जहां धरती से प्रकट हुई थी अष्टभुजी माता Mahishasura Vardhani की मूर्तिया, 24 घंटे दरबार में जलती है अखंड ज्योत

धर्म

ऐतिहासिक शक्तिपीठ माता भ्रामरी देवी मंदिर (Mata Bhramari Devi Temple) बरवाला के बनभौरी गांव में स्थित है। जहां मंदिर में 24 घंटे माता के दरबार में अखंड ज्योत जलती है। नवरात्र में देश-विदेश से काफी तादाद में श्रद्धालु मां की पूजा-अर्चना करने के लिए पहुंचते है। यहां मंदिर में नवरात्र पर सैकड़ों की संख्या में अखंड ज्योतें जलाई जाती है।

बता दें कि नवरात्र मेले में विशेषत: चतुर्थी से लेकर षष्ठी तक मेले में भक्तों का अपार जनसमूह उमड़ता है। छट पर माता भ्रामरी की पूजा का विशेष महत्व है। मंदिर का इतिहास बनभौरी धाम मंदिर 400 साल पुराना है। यहां मान्यता है कि माता भ्रामरी देवी व अष्टभुजी माता महिषासुर वर्धनी की मूर्तिया धरती से ही प्रकट हुई थी। ब्रहृमचारी, जिनके वंशज आज भी मंदिर की सेवा कर रहे है। उनकी मूर्ति भी यहां स्थापित है, इस मंदिर की बड़ी मान्यता है।

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माता के दरबार में आकर श्रद्धालु श्रृद्धा के साथ धागा बांधकर मन्नत मांगते है। मन्नत पूरी होने पर यहां दरबार में हाजिरी लगाते है। यहां श्रद्धालु अपने बच्चों का मुंडन संस्कार कराते है। नव-विवाहित जोड़ों के द्वारा माता का आशीर्वाद लेने की परंपरा वर्षों पुरानी है।

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मन्नत का धागा बांधने के लिए दरबार

मंदिर की विशेषता नवरात्र में नव दंपति गठ जोड़े खासतौर से पहुंचकर मां से मन्नत मांगते हैं। अष्टमी और नवमी को कढ़ाई चढ़ाई जाती है। देवी रूपक कंजकों कन्याओं को भोजन कराकर यथाशक्ति दक्षिणा देकर उनसे आशीर्वाद लिया जाता है। मंदिर में धरती से प्रकट हुई मूर्तियों के अलावा भी अन्य मूर्तियां स्थापित की गई है। जिसमें मां काली, भैरों बाबा, राधा-कृष्ण, हनुमान व शिव परिवार शामिल है। मंदिर में पूर्ण विधि विधान के अनुसार ब्रहृमचारी के वंशज कौशिक परिवार से हैं। जिनमें पुजारी श्यामलाल, रामनिवास, शिव कुमार, राजेश कौशिक, सुरेन्द्र कौशिक, सोनू व सुशील आदि द्वारा पूजा अर्चना कराई जाती है। वहीं मन्नत मांगने व मन्नत का धागा बांधने के लिए दरबार के पीछे एक विशेष स्थान बना हुआ है।

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45 सीसीटीवी कैमरों सहित पुलिस देख रही सुरक्षा

कहा जाता है कि माता भ्रामरी सच्चे मन से मांगी हर मुराद पूरी करती है। यहां मंदिर में साक्षात माता विराजमान है, जो भक्तों के दुख हरती है और उन्हें यहां पूजा अर्चना करने से सुकून व शक्ति मिलती है। माता के दरबार में मांगी मुराद पूरी होने पर श्रद्धालु भंडारा लगाते है। ऐतिहासिक शक्तिपीठ बनभोरी धाम बनभोरी मेले में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखने के लिए पुरूष व महिला पुलिस के अलावा मंदिर के सेवादार तैनात हैं। पुलिस की पीसीआर लगातार गश्त करती है। असामाजिक तत्वों पर निगरानी के लिए जगह-जगह 45 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। मेले में व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें, ताकि श्रद्धालुओं को मां बनभौरी के दर्शन अति सहज हो सके।

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