Navratri Special : मां दुर्गा की सातवीं शक्ति मां कालरात्रि(Maa Kalratri) की सोमवार को पूजा अर्चना की जाएगी। माता कालरात्रि(Maa Kalratri) का रूप जितना भयानक है, मां उतनी ही कृपालु और दयालु हैं। माता कालरात्रि(Maa Kalratri) की पूजा अराधना करने से भूत प्रेत व सभी नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं और सभी तरह के दुख व कष्टों से मुक्ति मिलती है। तांत्रिकों और अघोरियों के लिए नवरात्रि का सातवां दि बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस रात माता को प्रसन्न करने के लिए तंत्र मंत्र और सिद्धियां की जाती है।
बता दें कि तंत्र शास्त्र में माता कालरात्रि(Maa Kalratri) को प्रसन्न करने के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं, इन उपायों के करने से सभी ग्रहों का शुभ प्रभाव पड़ता है और बंद(closed) किस्मत के दरवाजे खुल जाते हैं। माता कालरात्रि(Maa Kalratri) की पूजा दिन के साथ साथ रात के समय भी की जाती है। रात के समय लाल कंबल के आसन पर बैठकर माता की पूजा करते समय 108 गुलदाउदी फूलों से एक माला बनाएं। फिर 108 बार लाल चंदन की माला ‘ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं दुर्गति नाशिन्यै महामायायै स्वाहा‘ मंत्र का जप करें। अगर लाल चंदन की माला नहीं है तो रुद्राक्ष की माला का भी उपयोग कर सकते हैं।

ऐसा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है और सभी तरह के संकटों से मुक्ति मिलती है। देवी कालरात्रि को पूजा के दौरान गुड़ या गुड़ से बनी मिठाई व भोजन का भोग लगाना चाहिए। नवरात्र के सातवें दिन पेठे की बलि दी जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से बल और विजय की प्राप्ति होती है। ऐसा करने से आपके जरूरी कार्य अगर अटके हुए हैं तो वो पूरे हो जाएंगे और धन प्राप्ति के मार्ग भी बनेंगे। साथ ही अगर कोर्ट कचहरी के मामले में फंसे हुए हैं तो इस रात यह उपाय करने से आपको उसमें भी विजय मिलेगी, ऐसी धार्मिक मान्यताएं हैं।
धन धान्य में होगी वृद्धि
अगर आपके बने बनाए कार्य अटक जाते हैं या धन व सम्मान में कमी आ ही है तो नवरात्र के सातवें दिन शाम के समय एक साफ नींबू ले लें और उसमें चार लौंग लगा दें। फिर किसी चौराहे पर जाकर नींबू को चार हिस्सों में काटकर चारों दिशाओं में गाड़ दें। इसके बाद घर आकर ‘ॐ हनुमते नमः’ मंत्र का जप करें और माता कालरात्रि का ध्यान करें। ऐसा करने से हर तरह की नकारात्मक शक्ति दूर हो जाएगी और आपके कार्य बिना किसी अड़चन के पूरे हो जाएंगे।
दुर्गा सप्तशती का करें पाठ
रात के समय देवी कालरात्रि के बीज मंत्र ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे नमः’ मंत्र का सवा लाख जप करना बहुत शुभ माना जाता है। मंत्र का जप करने के बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से मां सभी तरह की नकारात्मक शक्तियों को दूर करती हैं और घर के सदस्यों की उन्नति होती है। सवा लाख बार मंत्र का जप करने से मंत्र सिद्ध हो जाता है, इसके बाद माता से मनोकामना मांगने पर वह अवश्य पूरी होती है।
32 नाम का जप लाभकारी
रात के समय मां भगवती के 32 नाम का जप बहुत ही लाभकारी माना गया है। नवरात्रि की सप्तमी तिथि की रात में लाल कंबल के आसन पर बैठकर माता कालरात्रि के मंत्रों का जप व हवन करें। ऐसा करने से माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। साथ ही जो भी परेशानी चल रही होती हैं, उससे मुक्ति मिल जाती है। तंत्रशास्त्र में इसे बहुत ही लाभकारी माना गया है।