हिंदु धर्म में Navratri का विशेष महत्व है। नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इन नौ दिनों के दौरान मां पृथ्वी पर ही निवास करती है और अपने भक्तों के कष्टों को दूर करती है, साथ ही सुख-समृद्धि, धन-संपदा का आशीर्वाद देती है।
नवरात्रि में मां दुर्गा के सांतवें स्वरूप यानि कि मां कालरात्रि की पूजा की जाता है। जो भी व्यक्ति सच्चे मन से माता की अराधना करता है उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। मां कालरात्रि के बाल लंबे और बिखरे हुए होते हैं। मां के तीन नेत्र हैं और मां अपने हाथों में तलवार और लोहे के शस्त्र रखती है।
कथा
पौराणिक कथा के अनुसार रक्तबीज नाम का एक राक्षस था। जिसने तीनों लोक में अपना आतंक फैला गया था। रक्तबीज राक्षस के पास एक वरदान था कि उसके शरीर से गिरने वाली हर खून की बूंद एक नए राक्षस को जन्म देगी। यह वरदान उसे अमर बना रहा था। सभी देवी- देवता उसकी इस क्रूरता से परेशान थे।
एक दिन सभी देवी- देवता भगवान शिव के पास पहुंचे और इस विपता से बचने की आग्राह किया। जिसके बाद शिव जी ने देवी पार्वती उस राक्षस का वध कर अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए कहा। शिव भगवान की बात को मानकर पार्वती मां ने दुर्गा का रूप धारण किया और उस राक्षस का वध कर दिया, लेकिन जैसे ही दुर्गा मां ने रक्तबीज को मारा उसके शरीर से निकले रक्त से लाखों रक्तबीज यानि की राक्षस उत्पन्न हो गए। इसके बाद मां दुर्गा ने अपने तेज से कालरात्रि को उत्पन्न किया। कालरात्रि का रूप धारण करके माता ने सभी राक्षसों का वध कर दिया और उसके शरीर से निकलने वाले रक्त को कालरात्रि ने अपने मुख में भर लिया और सबका गला काटते हुए रक्तबीज का वध कर दिया।
विधि पूजा
इस दिन सुबह जल्दी उठें और दिन की शुरुआत मां कालरात्रि के ध्यान से करें। स्नान कर मंदिर की सफाई करें और चौकी पर मां कालरात्रि की प्रतिमा को विराजमान करें। अब मां को फूल चढ़ाएं। दीपक जलाकर आरती कर मंत्र का जप करें। साथ ही मां कालरात्रि की चालीसा का पाठ करें। गुड़ से बनी चीजों को भोग लगाएं। मां से जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें। इसके बाद लोगों में प्रसाद का वितरण करें।
मां कालरात्रि का प्रिय रंग
मान्यताओं के अनुसार मां कालरात्रि की पूजा में उनके प्रिय रंगों के वस्त्र पहनकर पूजा करना बेहद शुभ होता है। मां कालरात्रि का प्रिय रंग काला माना जाना है। मां कालरात्रि की पूजा में काले रंग का वस्त्र मां को चढ़ाना बेहद ही शुभ माना जाता है। उनकी पूजा में मां कालरात्रि के मंत्र ॐ कालरात्र्यै नम का जाप अवश्य करें।