29 मार्च 2025 को आसमान में एक खगोलीय घटना घटेगी, जब एक गहरा आंशिक सूर्य ग्रहण लगेगा। इस दिन चंद्रमा सूर्य की सतह के केवल एक हिस्से को ढकेगा, जिससे पृथ्वी पर सूर्य की रोशनी में कमी आएगी, लेकिन यह पूर्ण सूर्य ग्रहण नहीं होगा। इस सूर्य ग्रहण का दृश्य भारत में नहीं होगा, जिसका मतलब है कि भारत में इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
2025 में कुल ग्रहणों का योग:
ज्योतिषाचार्य राकेश चतुर्वेदी के अनुसार, साल 2025 में कुल 4 ग्रहण होंगे—2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण। पहला ग्रहण 14 मार्च को पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, और दूसरा 29 मार्च को आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। हालांकि, इन दोनों ग्रहणों का दृश्य भारत में नहीं होगा। 2025 का अंतिम ग्रहण 21 सितंबर को होगा।
भारत में सूर्य ग्रहण का प्रभाव:

चूंकि भारत में 29 मार्च का सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा, इसलिए भारत में इसका कोई खगोलीय या धार्मिक प्रभाव नहीं होगा। साथ ही, सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। हालांकि, यह ग्रहण यूरोप, एशिया, अफ्रीका और कुछ हिस्सों में दिखाई देगा, लेकिन भारत में इसका कोई असर नहीं होगा।
सूर्य ग्रहण कब और क्यों होता है?
सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है। इस स्थिति में, सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाता और चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ने लगती है, जिससे सूरज का कुछ हिस्सा ढक जाता है। सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं: आंशिक, वलयाकार और पूर्ण ग्रहण।
क्या भारत में सूतक काल मान्य होगा?
चूंकि यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इसलिए भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा। सूतक काल ग्रहण के कुछ घंटे पहले और बाद में होता है, जब विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक उपायों का पालन किया जाता है।