11-12 सेक्टर हुड्डा में वर्मा परिवार द्वारा आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का सोमवार को विशाल भंडारे के साथ समापन किया गया। समापन समारोह में व्यास मंच में विराजमान प्रसिद्ध कथावाचक पंडित राधे-राधे महाराज ने कहा कि किस मित्रता यदि करनी है, तो भगवान श्री कृष्ण एवं सुदामा के चरित्र से सीखो नहीं, बल्कि चिंतन करो सीखा हुआ तो भुला जा सकता है, लेकिन चिंतन किया हुआ भुला नहीं जा सकता।
इसलिए भगवान श्री कृष्ण के द्वारा दिन सुदामा के लिए जो मित्रता के भाव थे, उनको अपने जीवन में उतार लेना चाहिए। मित्रता भक्ति का ही दूसरा रूप है, जो अपने जीवन काल में मित्र को धोखा देता है, वह सदैव ही नर्क गामी रहता है, इसलिए मित्रता में धोखा जैसा विश्वासघात जैसा पाप ना हो तो ही अच्छा है। मित्रता में विश्वासघात किया हुआ व्यक्ति कभी भी पूर्ण नहीं होता। वह जीवन भर अपूर्ण रह कर ही अपना जीवन यापन करता है।
जीव जब प्रभु से अपने को अलग कर लेता है, तभी दुख शुरू हो जाते हैं
पंडित राधे राधे महाराज ने कहा कि मानव के जीवन में दुखों को मुख्य रखते हुए अमूल्य प्रवचन से संगत को निहाल किया। मानव जीवन में दुख पर संतों ने कहा कि गोस्वामी तुलसी दास जी ने कहा है कि जीव जब प्रभु से अपने को अलग कर लेता है, तभी दुख शुरू हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रभु ने हर किसी को दिव्य ज्योति प्रदान की है, जिसे संतों के सानिध्य से जो लोग जागृत करते हैं, उनके भीतर दिव्य प्रकाश का उदय हो जाता है।
उन्होंने कहा कि यही प्रकाश परमात्मा के निकट लेकर जाता है व यही प्रकाश दुखों का अंत भी करता है। पंडित राधे राधे महाराज ने कहा कि जीव जिस परमात्मा से खुद को अलग करता है, उसी परमात्मा से मिलकर ही दुख से मुक्ति पाता है। परमात्मा को पाना है, तो पंच महापाप यानि झूठ, चोरी, नशा, हिंसा तथा व्यभिचार से खुद को मुक्त रखना होगा। यही नहीं निष-कपट सेवा व एक ईश्वर में भी विश्वास करना होगा।
हम सबको भागवत की शरण में रहना चाहिए : दाऊजी महाराज
अवध धाम मंदिर संस्थापक एवं ज्योतिषाचार्य पं. दाऊजी महाराज ने कहा कि भागवत मोक्षदायिनी और कल्याणकारी है, हम सबको सदैव भागवत करते रहना चाहिए तथा करवाते रहना चाहिए। भागवत करवाना समाज के हित के लिए बड़ा कल्याण पद है, इसलिए हम सबको भागवत की शरण में रहना चाहिए।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर दाऊजी महाराज, प्रवीण वर्मा, मेयर अवनीत कौर, विशाल वर्मा, श्रीराम वर्मा, अनिल वर्मा, निरंजन पाराशर, राकेश चुघ, इंद्रजीत कथूरिया, जज दीपक्षी वर्मा, प्रमोद आहूजा, तिलकराज मिगलानी, ओम प्रकाश विरमानी, राहुल वर्मा, नीना ग्रोवर, राधेश्याम वर्मा, अमित मक्कड़ आदि सहित अनेक मौजूद रहे।