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“वैशाख माह की शुरुआत: सूर्य देव की पूजा और जल दान से बढ़ेगा पुण्य”

धर्म

जल दान और सूर्य दोष निवारण के उपाय

आज से वैशाख मास की शुरुआत

रविवार व्रत और सूर्य देव की पूजा

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Vaishakh Month : आज से हिंदू कैलेंडर का दूसरा महीना वैशाख प्रारंभ हुआ है। यह महीना विशेष रूप से भगवान विष्णु को प्रिय होता है और इसमें उनके परशुराम अवतार की पूजा की जाती है। वैशाख कृष्ण प्रतिपदा तिथि, चित्रा नक्षत्र, हर्षण योग, बालव करण, पश्चिम का दिशाशूल और कन्या राशि में चंद्रमा होने से आज का दिन विशेष महत्व रखता है।

वैशाख माह में कई महत्वपूर्ण धार्मिक व्रत और त्योहार आते हैं, जैसे कि चतुर्थी, एकादशी, प्रदोष, शिवरात्रि, अमावस्या और पूर्णिमा, जो विशेष रूप से पुण्य लाभ देने वाले होते हैं। इस माह में गर्मी भी बढ़ने लगती है, ऐसे में जल का दान अत्यंत शुभ माना जाता है। आप जल पिलाकर न सिर्फ पुण्य प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि अपने शरीर को भी शीतलता का अनुभव करवा सकते हैं।

आज रविवार व्रत है, जिसमें सूर्य देव की पूजा करने का विशेष महत्व है। इस दिन तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें लाल चंदन, गुड़ और लाल फूल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य देने का महत्व है। इस समय सूर्य मंत्र का जाप करें और बीज मंत्र के साथ साथ गायत्री मंत्र का जाप भी करें। इसके अलावा आदित्य हृदय स्तोत्र और सूर्य चालीसा का पाठ करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है।

व्रति इस दिन सूर्य देव की आरती भी करें और रविवार व्रत कथा सुनें। जिनकी कुंडली में सूर्य दोष है, वे तांबा, गुड़, सोना, घी, केसर, लाल रंग के कपड़े, लाल फल आदि का दान करें। इस दान से सूर्य दोष मिटता है और करियर में उन्नति के साथ-साथ राजनीति के क्षेत्र में भी पद और प्रतिष्ठा प्राप्त हो सकती है।

वैशाख मास की शुरुआत से लेकर पूरे महीने तक कई ऐसे दिन आते हैं, जब व्रत और पूजा-पाठ विशेष रूप से प्रभावी होते हैं। इस समय किए गए धार्मिक कार्य आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं और पुण्य का अर्जन कर सकते हैं।