Vastu Tips भूमि दोष का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यदि भूमि का चयन सही तरीके से किया जाए तो हम सुखी और समृद्ध जीवन जी सकते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, भूमि की सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव हमारे घर, कार्यस्थल और जीवन के अन्य पहलुओं पर प्रत्यक्ष रूप से पड़ता है। सही स्थान पर बनाए गए घर या ऑफिस से जीवन में समृद्धि आती है, जबकि भूमि में दोष होने पर नौकरी, व्यापार और जीवन के अन्य क्षेत्रों में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
भूमि दोष की पहचान कैसे करें?
- गड्ढा खोदकर पानी भरने की विधि:
वास्तु शास्त्र के अनुसार, भूमि की ऊर्जा की पहचान करने के लिए एक गड्ढा खोदकर उसमें पानी भरें। फिर, पूर्व दिशा की ओर 100 कदम चलें।
- अगर पानी पूरी तरह से भरा हुआ रहता है, तो भूमि की ऊर्जा सकारात्मक है।
- अगर पानी आधा शेष रहता है, तो यह भूमि मध्यम प्रकार की है।
- अगर पानी पूरी तरह से सूख जाता है, तो भूमि में नकारात्मक ऊर्जा हो सकती है, जो आपके लिए शुभ नहीं है।
- मिट्टी का रंग:
भूमि की मिट्टी का रंग भी उसकी ऊर्जा को दर्शाता है।
- अगर मिट्टी का रंग पीला या सफेद है, तो यह भूमि सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है।
- अगर मिट्टी का रंग लाल या काला है, तो यह भूमि दोषपूर्ण मानी जाती है और यहां निवास या कार्य करना ठीक नहीं है।
किस प्रकार की भूमि पर न बनाएं मकान?
वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ स्थानों पर मकान बनाने से बचने की सलाह दी जाती है।
- उत्तर-पूर्व दिशा में ऊंचे भवन, पर्वत या पीपल का पेड़ नहीं होना चाहिए, क्योंकि इससे आर्थिक हानि हो सकती है।
- गड्ढे या जलाशय वाले स्थान पर मकान न बनाएं। ये स्थान असंवेदनशील होते हैं और घर में नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
भूमि को शुद्ध करने के उपाय
वास्तु शास्त्र में भूमि को शुद्ध करने के कुछ उपाय बताए गए हैं।
- यदि आप मकान या कार्यस्थल बनाना चाहते हैं, तो कुछ दिनों तक वहां गायों और बछड़ों को छोड़ दें। उनका गोबर और मूत्र भूमि को शुद्ध कर देगा और नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाएगी।
अशुभ भूमि की पहचान
वास्तु शास्त्र में कुछ स्थानों पर वृक्ष और खुदाई के दौरान मिलने वाली वस्तुओं के आधार पर भूमि की शुभता और अशुभता का निर्धारण किया जाता है।
- बहुत पुराने पेड़, जैसे बरगद या पीपल, अशुभ माने जाते हैं।
- यदि भूमि की खुदाई में स्वर्ण, चांदी, रत्न या अन्य मूल्यवान वस्तुएं मिलती हैं, तो यह भूमि अत्यंत शुभ मानी जाती है।
- वहीं, अगर खुदाई के दौरान कोयला या हड्डियां निकलती हैं, तो यह भूमि अशुभ मानी जाती है और इससे बचना चाहिए।