Karva Chauth का व्रत सुहागन महिलाओं के लिए बेहद ही खास होता है। इस दिन महिलाएं 16 श्रृंगार करती है और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती है। हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण की चतुर्थी को करवा चौथ मनाया जाता है। आपके मन में यह सवाल जरूर आता होगा कि सबसे पहले करवा चौथ का व्रत किसने रखा था अर्थात किसके द्वारा इस व्रत की शुरूआत की गई थी। आज हम आपको इस लेख के द्वारा बताते हैं
पौराणिक कथाओं के मुताबिक करवा चौथ का व्रत सबसे पहले माता पार्वती ने रखा था। पर्वतराज हिमालय और देवी मैनावती की पुत्री पार्वती ने नारद जी की सलाह पर भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए घनघोर तपस्या की थी, लेकिन शिवजी न तो प्रसन्न हो रहे थे और न ही दर्शन दे रहे थे। तब माता पार्वती ने कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि निर्जला उपवास रखकर शिव-साधना की थी। कहते है इसी व्रत से उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति हुई थी, इसीलिए सुहागिनें अपने पतियों की लंबी उम्र की कामना से यह व्रत करती हैं और देवी पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं।
इस कथा के बिना अधूरा है व्रत
प्राचीन समय में एक ब्राह्मण की सात पुत्रों के साथ वीरवती नाम की एक सुंदर और धर्मनिष्ठ कन्या थी। शादी के बाद वीरवती ने अपने पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का पहला व्रत रखा। दिनभर बिना अन्न-जल ग्रहण किए उसने पूरी श्रद्धा से व्रत का पालन किया। शाम होते-होते वीरवती को भूख और प्यास से अत्यधिक कमजोरी महसूस होने लगी। यह देख उसके भाइयों ने उसे व्रत तोड़ने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन वीरवती ने कहा कि वह चंद्रमा निकलने के बाद ही व्रत तोड़ेगी।
भाइयों ने अपनी बहन की स्थिति देखकर एक चाल चली और पेड़ की आड़ में दर्पण का उपयोग करके नकली चंद्रमा बना दिया। भाइयों ने वीरवती से कहा कि चंद्रमा निकल आया है। वीरवती ने वह नकली चंद्रमा देखकर व्रत तोड़ दिया। जैसे ही उसने व्रत तोड़ा उसे खबर मिली कि उसका पति गंभीर रूप से बीमार हो गया है। वीरवती को एहसास हुआ कि उसने बिना चंद्रमा की पूजा और समय से पहले व्रत तोड़कर गलती की है, जिसके कारण यह अनहोनी हुई। अत्यधिक दुखी होकर उसने फिर से व्रत रखने का संकल्प लिया। वीरवती की भक्ति और समर्पण से प्रसन्न होकर माता पार्वती ने उसे आशीर्वाद दिया और उसके पति का स्वास्थ्य फिर से ठीक हो गया।
व्रत पूजा मुहूर्त
इस बार करवा चौथ कल यानि 20 अक्तूबर को है। करवा चौथ व्रत पूजा मुहूर्त और कथा का समय 20 अक्टूबर की शाम 05:46 से 07:02 बजे तक का है। इस दौरान करवा चौथ की कथा पढ़ना बेहद फलदायी साबित होगा।