Cambodia में एक बहुत ही अद्भुत और विशाल हिंदू मंदिर(Hindu Temple) है, जिसे अंकोरवाट मंदिर(Angkor Wat Temple) कहते हैं, जो कि 800 वर्षों से अधिक पुराना(Old) हैं। जिसका रहस्य(Secret) जानने के लिए सभी बेताब रहते हैं। यहां पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। यह मंदिर बहुत ही प्राचीन है और इसका निर्माण करीब 12वीं सदी में हुआ था। यहां के विशालकाय मंदिर के आस-पास एक गहरी खाई है, जिसकी लंबाई 2.5 मील और चौड़ाई 650 फुट है। खाई को पार करने के लिए एक पत्थर का पुल बनाया गया है।
बता दें कि अंकोरवाट मंदिर को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थलों में शामिल किया गया है। मंदिर की दीवारों पर भारतीय हिंदू धर्म के प्रसंगों का विस्तार से चित्रण किया गया है। जिसमें असुरों और देवताओं के बीच हुए समुद्र मंथन का दृश्य भी दिखाया गया है। मंदिर को तीन खंडों में बांटा गया है, जिसमें सुंदर मूर्तियां बनाई गई हैं। प्रत्येक खंड से ऊपर जाने के लिए सीढ़ियां हैं। प्रत्येक खंड में आठ गुंबज हैं और ये सभी गुंबज 180 फुट ऊंचे हैं। मुख्य मंदिर तीसरे खंड की छत पर स्थित है। मंदिर की विशालता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मंदिर में प्रवेश के लिए एक विशाल द्वार है, जो लगभग 1000 फुट चौड़ा है।
मंदिर साढ़े तीन किलोमीटर लंबी पत्थर की दीवारों से घिरा हुआ है। इस दीवार के बाद 700 फुट चौड़ी खाई है, जिस पर एक जगह 36 फुट चौड़ा पुल है। इस पुल से मंदिर के पहले खंड द्वार तक पहुंचा जा सकता है। यह मंदिर अंकोरयोम नामक नगर में स्थित है, जिसे प्राचीन काल में यशोधरपुर कहा जाता था। यह विशाल भव्य मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, जिसका निर्माण कम्बुज के राजा सूर्यवर्मा द्वितीय ने 12वीं सदी में कराया था। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस मंदिर के चारों ओर एक गहरी खाई है, जिसकी लंबाई ढाई मील और चौड़ाई 650 फुट है। इस खाई को पार करने के लिए एक पत्थर का पुल बनाया गया है।
तीनों खंडों में बनाई गई है सुंदर मूर्तियां
प्राचीन मंदिर की दीवारों पर भारतीय हिंदू धर्म ग्रंथों के प्रसंगों का विस्तार से चित्रण किया गया है। इसमें असुरों और देवताओं के बीच हुए समुद्र मंथन का दृश्य भी दिखाया गया है। यह मंदिर एक ऊंचे चबूतरे पर स्थित है, जिसमें तीन खंड हैं। इन तीनों खंडों में सुंदर मूर्तियां बनाई गई हैं और प्रत्येक खंड से ऊपर के खंड तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां भी बनाई गई हैं। प्रत्येक खंड में आठ गुंबज हैं और ये सभी गुंबज 180 फुट ऊंचे हैं। मुख्य मंदिर तीसरे खंड की छत पर स्थित है।