➤BCCI ने घरेलू मल्टी-डे मैचों में इंजरी रिप्लेसमेंट की अनुमति दी
➤नियम का उद्देश्य गंभीर चोटिल खिलाड़ी को बदलना, IPL और सफेद गेंद क्रिकेट में लागू नहीं
➤गौतम गंभीर ने नियम का स्वागत किया, बेन स्टोक्स ने इसे मजाक बताया
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने आगामी घरेलू क्रिकेट सीजन के लिए प्लेइंग कंडीशंस में बदलाव करते हुए मल्टी-डे मैचों में इंजरी रिप्लेसमेंट की अनुमति दे दी है। इस नए नियम के तहत यदि किसी खिलाड़ी को मैच के दौरान गंभीर चोट लगती है और वह आगे खेल पाने की स्थिति में नहीं होता, तो उसकी जगह दूसरा खिलाड़ी खेल सकता है। यह नियम खास तौर पर एक से अधिक दिन चलने वाले घरेलू मैचों (जैसे CK नायडू ट्रॉफी) में लागू होगा, जबकि सफेद गेंद क्रिकेट जैसे सैयद मुश्ताक अली और विजय हजारे ट्रॉफी में यह लागू नहीं होगा।
हाल ही में इंग्लैंड में हुई एंडरसन-तेंदुलकर सीरीज में ऋषभ पंत और इंग्लैंड के क्रिस वोक्स गंभीर चोटिल हुए थे। अब BCCI ने इस नियम को घरेलू क्रिकेट में भी लागू किया है, जिससे सिर की चोट के अलावा किसी भी गंभीर चोट पर रिप्लेसमेंट की अनुमति होगी। नियम के अनुसार चोट मैदान पर लगी होनी चाहिए, और ऑन-फील्ड अंपायर ही इसकी गंभीरता का आकलन करेंगे। टीम मैनेजर को मैच रेफरी को चोट और रिप्लेसमेंट का विवरण देना होगा। रिप्लेसमेंट खिलाड़ी उसी प्रकार का होना चाहिए और टॉस के समय नामित खिलाड़ियों में से चुना जाएगा।
इस बदलाव पर प्लेयर्स की राय अलग-अलग रही। भारत के हेड कोच गौतम गंभीर ने कहा कि यह कदम बेहद जरूरी है और इससे टीमों को नुकसान से बचाया जा सकेगा। वहीं इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने इसे मजाक बताया और कहा कि इंजरी रिप्लेसमेंट को खेल का हिस्सा नहीं बनाना चाहिए।
नए नियम के तहत रिप्लेसमेंट खिलाड़ी वही पेनल्टी, वार्निंग या टाइम आउट का पालन करेगा जो चोटिल खिलाड़ी पर लागू था। एक बार रिप्लेसमेंट मान्य हो जाने के बाद चोटिल खिलाड़ी मैच में दोबारा नहीं लौट सकेगा।
इस नियम से भारतीय घरेलू क्रिकेट में खिलाड़ियों की सुरक्षा बढ़ेगी और मैच के दौरान टीमों को नुकसान से बचाया जा सकेगा।