आज जय शाह ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाल लिया। पूर्व BCCI सचिव जय शाह की अध्यक्षता में वैश्विक क्रिकेट प्रशासन का एक नया अध्याय शुरू हुआ है। उन्होंने ऐसे समय पर यह जिम्मेदारी संभाली है, जब 2025 चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन स्थल को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है।
ग्रेग बार्कले का स्थान लिया:
जय शाह ने नवंबर 2020 से इस पद पर रहे ग्रेग बार्कले का स्थान लिया है। आईसीसी अध्यक्ष बनने के बाद अपने पहले बयान में, शाह ने वैश्विक क्रिकेट में परिवर्तनकारी अवसरों को रेखांकित किया, जिसमें LA28 ओलंपिक खेलों में क्रिकेट को शामिल करना और महिलाओं के क्रिकेट को प्राथमिकता देना प्रमुख बिंदु रहे।
जय शाह का पहला बयान:
जय शाह ने अपने बयान में कहा, “मुझे आईसीसी अध्यक्ष की भूमिका निभाने का सम्मान मिला है और मैं आईसीसी निदेशकों और सदस्य बोर्डों के समर्थन के लिए आभारी हूं। यह खेल के लिए एक रोमांचक समय है क्योंकि हम लॉस एंजिल्स 2028 ओलंपिक खेलों की तैयारी कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य क्रिकेट को अधिक समावेशी और आकर्षक बनाना है।”
महिला क्रिकेट के विकास पर जोर:
शाह ने महिला क्रिकेट के विकास पर जोर देते हुए कहा,”हम क्रिकेट के कई प्रारूपों के सह-अस्तित्व और महिलाओं के खेल के विकास को तेज करने की आवश्यकता के साथ एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं। वैश्विक स्तर पर क्रिकेट की अपार संभावनाएं हैं, और मैं आईसीसी टीम और सदस्य देशों के साथ मिलकर खेल को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए उत्सुक हूं।”
क्रिकेट प्रशासन में जय शाह का योगदान:
जय शाह का क्रिकेट प्रशासन में लंबा और प्रभावशाली कार्यकाल रहा है:
- गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन (2009): अहमदाबाद में दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- BCCI सचिव (2019): भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सबसे कम उम्र के मानद सचिव बने।
- एशियाई क्रिकेट परिषद अध्यक्ष: इस पद पर भी अपनी सेवाएं दीं।
- आईसीसी वित्त और वाणिज्यिक मामलों की समिति: इस समिति की अध्यक्षता भी की।
आगे की चुनौतियां:
जय शाह ने अपनी प्राथमिकताओं में LA28 ओलंपिक में क्रिकेट की एंट्री को सफल बनाने और महिलाओं के क्रिकेट को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने का संकल्प लिया है। इसके साथ ही, 2025 चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजन स्थल को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच चल रही खींचतान को सुलझाना उनकी बड़ी चुनौतियों में से एक है।
जय शाह का कार्यकाल क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में कितना सफल होगा, यह आने वाले समय में देखने लायक होगा।