पेरिस ओलंपिक में कुश्ती के फाइनल मुकाबले से पहले भारतीय खिलाड़ी Vinesh Phogat को 100 ग्राम वजन ज्यादा होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इस मामले में अब एक बड़ी खबर सामने आई है, जिससे उम्मीद जगी है कि विनेश को न्याय मिल सकता है और उन्हें सिल्वर मेडल भी प्राप्त हो सकता है।
अब यह मामला कुश्ती की रिंग में नहीं बल्कि कोर्ट में लड़ा जाएगा। इस कानूनी लड़ाई की जिम्मेदारी प्रसिद्ध वकील हरीश साल्वे ने ली है। हरीश साल्वे वही वकील हैं जिन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ कुलभूषण जाधव का केस इंटरनेशनल कोर्ट में लड़ा था और महज 1 रुपये की फीस में जीत हासिल की थी।
खेल पंचाट न्यायालय में होगी सुनवाई
हरीश साल्वे ने खेल पंचाट न्यायालय (Court of Arbitration for Sports – CAS) में विनेश फोगाट की ओर से केस लड़ने पर सहमति जताई है। भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने CAS के समक्ष विनेश की अपील के लिए वकील नियुक्त करने के लिए अतिरिक्त समय का अनुरोध किया था।
विनेश फोगाट की अपील
विनेश ने अपनी अयोग्यता के खिलाफ दो मामलों में अपील की है। पहला, उन्हें फिर से वजन मापने का मौका दिया जाए, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया और स्वर्ण पदक मुकाबला निर्धारित समय पर हुआ। दूसरा, उन्हें रजत पदक दिया जाए क्योंकि उन्होंने मंगलवार को सही वजन के साथ इस पदक को अर्जित किया था। CAS ने कहा है कि वह इस मामले पर विचार करेगा।
हरीश साल्वे का महत्वपूर्ण योगदान
हरीश साल्वे का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब भारतीय दल सुनवाई के लिए किसी बड़े वकील की तलाश में था। साल्वे के इस मामले में शामिल होने से विनेश फोगाट को न्याय मिलने की संभावना बढ़ गई है।