महाकुंभ मेला 2025 का समापन महाशिवरात्रि स्नान पर्व के साथ हुआ। 45 दिनों तक चले इस ऐतिहासिक मेले में करोड़ों श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ की औपचारिक पूर्णाहुति के लिए प्रयागराज का दौरा किया।
मुख्यमंत्री का सफाई अभियान
सीएम योगी आदित्यनाथ ने मेले के समापन पर अरैल घाट पर सफाई अभियान चलाया। इस दौरान उन्होंने खुद झाड़ू लेकर घाटों की सफाई की और कूड़ा उठाकर पॉलिथीन में डाला। यह पहल स्वच्छ भारत अभियान को बढ़ावा देने और धार्मिक स्थलों पर स्वच्छता बनाए रखने के लिए की गई। सीएम ने अधिकारियों और स्वयंसेवकों के साथ पर्यावरण की सफाई में जनता की भागीदारी पर भी जोर दिया।
साइबेरियन पक्षियों को दाना खिलाना
सफाई अभियान के बाद, मुख्यमंत्री योगी अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ फ्लोटिंग जेटी के जरिए संगम पहुंचे, जहां उन्होंने साइबेरियन पक्षियों को दाना भी खिलाया। इस दौरान, सीएम ने मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य मां सरस्वती का विधिवत पूजन किया।

मां गंगा का विधिवत पूजन
संगम पहुंचकर सीएम योगी ने मंत्रिगणों के साथ गंगा और यमुना के साथ-साथ मां सरस्वती का विधिपूर्वक पूजन किया। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच, उन्होंने मां गंगा का दुग्धाभिषेक कर आरती उतारी और लोक कल्याण की कामना की। इस अवसर पर, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक सहित कई वरिष्ठ मंत्री और अधिकारी उपस्थित रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया
महाकुंभ के समापन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, “महाकुंभ संपन्न हुआ… एकता का महायज्ञ संपन्न हुआ।” उन्होंने इस आयोजन को अभिभूत करने वाला बताया और कहा कि महाकुंभ के दौरान 140 करोड़ देशवासियों की आस्था एक साथ जुड़ी।
महाकुंभ का ऐतिहासिक समापन
महाकुंभ मेला 13 जनवरी से प्रारंभ होकर 45 दिनों बाद संपन्न हुआ। इस दौरान 66.30 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई। मेला प्रशासन के आंकड़ों के मुताबिक, महाशिवरात्रि तक 1.53 करोड़ श्रद्धालुओं ने अंतिम स्नान किया।

सीएम योगी का सम्मान कार्यक्रम
सीएम योगी ने महाकुंभ को ऐतिहासिक और स्वच्छ बनाने में योगदान देने वाले कर्मचारियों और संस्थाओं को सम्मानित किया। इसके बाद उन्होंने पुलिसकर्मियों से भी संवाद किया और सुरक्षित महाकुंभ के आयोजन के लिए उनका आभार प्रकट किया।
महाकुंभ मेला 2025 का समापन एक ऐतिहासिक और धार्मिक घटना के रूप में हुआ, जो न केवल भारतीय आस्था का प्रतीक है, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक प्रेरणा भी बन गया है।