Prayagraj महाकुंभ में श्रद्धालुओं की ऐतिहासिक आस्था देखने को मिल रही है। 40 करोड़ की अनुमानित संख्या को पीछे छोड़ते हुए महाकुंभ में स्नान करने वालों की संख्या 50 करोड़ पार कर चुकी है, और यह आंकड़ा मेला समाप्त होने से पहले और भी बढ़ने की संभावना है।

धार्मिक आस्था का अभूतपूर्व दृश्य
महाकुंभ में पवित्र स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। सिर पर गठरी बांधे, हाथों में धार्मिक ध्वज लिए, हर दिशा से पैदल चलते हुए लाखों लोग संगम की ओर बढ़ रहे हैं। संगम क्षेत्र का नजारा आम दिनों में भी किसी बड़े स्नान पर्व जैसा लग रहा है।
गुरुवार रात 8 बजे तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो 49.14 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान कर लिया था, जबकि शुक्रवार की रात 8 बजे तक 24 घंटे में 96.98 लाख और श्रद्धालु इस पावन संगम में डुबकी लगा चुके थे। इसके साथ ही कुल संख्या 50 करोड़ के ऐतिहासिक आंकड़े को पार कर गई है।

सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
मेले में भीड़ का यह अभूतपूर्व स्तर प्रशासन के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन गया है। संगम क्षेत्र पर अत्यधिक दबाव को कम करने के लिए कई बार जोनल प्लान लागू करना पड़ा, जिससे श्रद्धालुओं को बैरिकेडिंग में रोककर भीड़ को नियंत्रित किया गया।
26 फरवरी को महाशिवरात्रि स्नान होने वाला है, जो कुंभ मेले का प्रमुख स्नान पर्व होगा। प्रशासन और धार्मिक संगठनों का अनुमान है कि तब तक श्रद्धालुओं की संख्या 60 करोड़ के आंकड़े को भी पार कर सकती है।

धार्मिक उत्साह चरम पर, इस बार बना इतिहास
पिछले किसी भी महाकुंभ में इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान करने नहीं पहुंचे थे। कोरोना महामारी के बाद यह पहला महाकुंभ है, जिसमें बिना किसी प्रतिबंध के श्रद्धालु भाग ले रहे हैं। अत्यधिक भीड़ को देखते हुए मेला प्रशासन ने सुरक्षा और यातायात प्रबंधन के विशेष इंतजाम किए हैं। महाकुंभ में केवल भारत से ही नहीं, बल्कि दुनियाभर से श्रद्धालु और पर्यटक आ रहे हैं।
जैसे-जैसे महाशिवरात्रि निकट आ रही है, संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ने की संभावना है। यह महाकुंभ अब तक का सबसे बड़ा धार्मिक समागम बन चुका है, और आने वाले दिनों में यह नया ऐतिहासिक रिकॉर्ड बना सकता है।