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Mahakumbh 2025 : प्रयागराज से काशी तक उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब: अब तक 61.44 करोड़ ने लगाई आस्था की डुबकी

उत्तर प्रदेश धर्म-कर्म

प्रयागराज में महाकुंभ 2025 अपने अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रहा है, लेकिन श्रद्धालुओं की भक्ति और उत्साह का चरम अब भी बरकरार है। 23 फरवरी की सुबह आठ बजे तक प्रयागराज महाकुंभ में 31.70 लाख से अधिक श्रद्धालु पवित्र स्नान कर चुके थे। शनिवार को कुल 1.43 करोड़ स्नान हुए, जिससे यह आयोजन अब तक का सबसे भव्य और विशाल धार्मिक समागम बन गया है।

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संगम की ओर अपार भीड़

महाकुंभ के अंतिम सप्ताहांत में संगम क्षेत्र श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ है। आधी रात से ही संगम जाने वाले मार्गों पर अपार भीड़ देखी गई। 13 जनवरी से अब तक कुल 61.44 करोड़ श्रद्धालु पवित्र स्नान कर चुके हैं, जो इस आयोजन की अप्रत्याशित भव्यता को दर्शाता है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाकुंभ में व्यवस्थाओं की गहन समीक्षा कर रहे हैं। वे अब तक 10 बार कुंभ नगरी का दौरा कर चुके हैं। शनिवार को भी वे नौ घंटे महाकुंभ में रहकर महाशिवरात्रि स्नान की तैयारियों का जायजा लेंगे।

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काशी में भी भक्तों का रेला

प्रयागराज कुम्भ की दमक अब काशी की रौनक बन गई है। भक्त बड़ी संख्या में काशी पहुंच रहे हैं। सुबह 2 बजे से ही लोग काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए कतार में खड़े हो रहे हैं। भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए दर्शन का समय मात्र 10 सेकेंड निर्धारित किया गया है। प्रशासन द्वारा व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।

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विन्ध्यवासिनी और चित्रकूट में भक्तों की श्रद्धा

महाकुंभ के अवसर पर श्रद्धालु बड़ी संख्या में विन्ध्यवासिनी मंदिर और चित्रकूट के धार्मिक स्थलों पर भी उमड़ रहे हैं। माँ विन्ध्यवासिनी के दर्शन करने वाले भक्त लाल चुंदरी चढ़ाकर अपनी श्रद्धा व्यक्त कर रहे हैं। वहीं, चित्रकूट के मंदिरों में फूल-मालाओं और भजन-कीर्तन की गूंज सुनाई दे रही है। श्रद्धालु पूरे समर्पण भाव से भगवान की आराधना में लीन नजर आ रहे हैं।

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आस्था और प्रशासन की परीक्षा

महाकुंभ 2025 न केवल श्रद्धालुओं की आस्था की परीक्षा है, बल्कि प्रशासनिक कुशलता की भी परीक्षा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस आयोजन को सुव्यवस्थित और सफल बनाने के लिए लगातार प्रयत्नशील हैं। जैसे-जैसे महाकुंभ अपने समापन की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे आस्था का प्रवाह और अधिक तीव्र होता जा रहा है।

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