Prayagraj आज मौनी अमावस्या का पवित्र पर्व है। अनुमानित 10 करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाएंगे। सुबह ब्रह्म मुहूर्त से शुरू होने वाले इस स्नान में महानिर्वाणी और शंभू पंचायती अटल अखाड़ों के साधु-संत सबसे पहले संगम में डुबकी लगाएंगे। वहीं, दिनभर घाटों पर संतों और श्रद्धालुओं की भीड़ का अद्भुत नज़ारा देखने को मिलेगा।

संगम नगरी में सुरक्षा और व्यवस्था के कड़े इंतजाम
प्रशासन ने इस ऐतिहासिक स्नान पर्व को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए अभूतपूर्व इंतजाम किए हैं। 1000 से अधिक मेडिकल कर्मियों और 300 विशेषज्ञ डॉक्टरों को तैनात किया गया है। रेलवे ने श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए विशेष व्यवस्थाएं की हैं, जिसमें कलर-कोडेड टिकट और अलग-अलग प्रवेश एवं निकास द्वार जैसी योजनाएं शामिल हैं। प्रयागराज और आसपास के सभी रेलवे स्टेशनों पर यात्री प्रबंधन के लिए अलग से प्लान तैयार किया गया है।

अखाड़ों के लिए विशेष बैरिकेडिंग और स्नान घाटों का विस्तार
मकर संक्रांति के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ से बैरिकेडिंग टूटने जैसी घटनाओं को देखते हुए, इस बार अखाड़ा मार्ग पर मजबूत बैरिकेडिंग और स्नान घाटों का विस्तार किया गया है। घाट को यमुना नदी की ओर बढ़ाया गया है ताकि संतों और नागा संन्यासियों का स्नान निर्विघ्न हो सके।

रेलवे का अनूठा प्लान: कलर-कोडेड टिकट और आश्रय स्थल
प्रयागराज रेल मंडल ने स्टेशन पर भीड़ नियंत्रण के लिए कलर-कोडेड टिकट प्रणाली शुरू की है। हर रंग के टिकटधारी यात्रियों के लिए अलग-अलग आश्रय स्थल बनाए गए हैं, जहां से उन्हें उनके प्लेटफॉर्म तक पहुंचाया जाएगा। खुसरो बाग में 1 लाख लोगों के रुकने का इंतजाम किया गया है।

आस्था और परंपरा का संगम
मौनी अमावस्या पर सुबह 4 बजे से शुरू होने वाले इस स्नान पर्व में जहां संत और नागा साधु आस्था की डुबकी लगाएंगे, वहीं श्रद्धालु संगम की पवित्र जलधारा में अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने की प्रार्थना करेंगे। ये महाकुंभ न केवल भारत बल्कि विश्वभर के श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। आस्था, व्यवस्था और भव्यता के इस मिलन ने एक बार फिर प्रयागराज को विश्व मंच पर गौरवान्वित किया है।

मौनी अमावस्या पर संत और नागा संन्यासी 10 घंटे से अधिक समय तक अमृत स्नान करेंगे। महानिर्वाणी और शंभू पंचायती अटल अखाड़ा के साधु-संत सुबह 5 बजे स्नान करेंगे, जबकि अन्य अखाड़ों के संत भी अपनी परंपराओं के अनुसार इस पवित्र जल में डुबकी लगाएंगे।