kashi

Mahakumbh 2025: अब काशी में शिवत्व का रंग गाढ़ा: नागा संन्यासियों का आगमन, अध्यात्म के तंबू सजे

उत्तर प्रदेश धर्म-कर्म

Varanasi वाराणसी के घाटों पर शिवत्व की छटा अब और गहरी होती जा रही है। महाकुंभ में अमृत स्नान के बाद नागा संन्यासियों का काशी में आगमन शुरू हो चुका है। गंगा तट पर अध्यात्म के तंबू तन गए हैं, जहां हठ योगियों, नागा संन्यासियों और अघोरियों का संसार बसने लगा है। देशी-विदेशी श्रद्धालु और पर्यटक इन दृश्यों को देखने और अनुभव करने के लिए काशी की ओर उमड़ रहे हैं।

kashi2

घाटों पर साधुओं का अद्भुत संसार

बड़ी संख्या में नागा संन्यासी वाराणसी पहुंच चुके हैं और केदार घाट से चेतसिंह घाट तक अपने टेंट स्थापित कर लिए हैं। घाटों पर लगे इन टेंटों में साधुओं की अनोखी शख्सियतें देखने को मिल रही हैं। किसी ने भगवा वस्त्र धारण कर रखे हैं, तो कोई सिर से पांव तक भस्म रमाए दिगंबर रूप में दिख रहा है।

Whatsapp Channel Join

kashi3

महाशिवरात्रि तक काशी में रहेंगे साधु-संत

प्रयागराज महाकुंभ में बसंत पंचमी स्नान के बाद अखाड़ों के साधु-संतों ने काशी की ओर रुख करना शुरू कर दिया है। सनातन अखाड़ों के संन्यासी परंपरा के अनुसार महाशिवरात्रि (26 फरवरी) तक काशी में रहेंगे। कुछ संत होली के बाद यहां से प्रस्थान करेंगे।

इससे पहले 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा के अवसर पर रविदास जयंती भी धूमधाम से मनाई जाएगी। इस दिन हजारों श्रद्धालु संत रविदास के जन्मस्थान सीर गोवर्धन पर एकत्र होंगे। महाशिवरात्रि के दौरान काशी विश्वनाथ मंदिर में पारंपरिक जुलूस निकलेगा, जिसे लेकर जिला प्रशासन ने विशेष तैयारियां शुरू कर दी हैं।

kashi4

श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़, प्रशासन सतर्क

महाकुंभ के बाद काशी आने वाले श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में उच्च स्तरीय व्यवस्थाओं के निर्देश दिए हैं। उन्होंने शीतलहर को ध्यान में रखते हुए घाटों पर अलाव, श्रद्धालुओं के लिए पेयजल, सफाई, रोशनी और सुरक्षा जैसी सुविधाओं को सुनिश्चित करने को कहा है।

रमता पंच के नेतृत्व में गाजे-बाजे के साथ ये संन्यासी पैदल और घोड़ों-रथों पर सवार होकर नगर में प्रवेश करेंगे। जूना अखाड़ा के साथ अग्नि अखाड़ा और आवाहन अखाड़ा के नागा संन्यासी भी काशी पहुंचेंगे, जबकि अटल और निरंजनी अखाड़ा के संत बाद में आएंगे।

kashi5

काशी में आध्यात्मिक ऊर्जा चरम पर

महाशिवरात्रि से पहले वाराणसी का वातावरण पूरी तरह से आध्यात्मिक ऊर्जा से भर चुका है। नागा संन्यासियों, अघोरियों और हठयोगियों की उपस्थिति ने घाटों का माहौल भक्तिमय बना दिया है। श्रद्धालु और पर्यटक इस अनूठे संसार का हिस्सा बनने के लिए काशी की ओर बढ़ रहे हैं। आने वाले दिनों में यहां शिवभक्ति अपने चरम पर होगी, और पूरा काशी शिवमय हो जाएगा।

अन्य खबरें