Meerut दिल्ली से मेरठ का सफर जल्द ही और आसान होने जा रहा है। मेरठ मेट्रो का ट्रायल रन मेरठ साउथ से मेरठ सेंट्रल स्टेशन तक शुरू हो गया है। भारत में पहली बार सेमी-हाई स्पीड नमो भारत ट्रेनों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर ही, मेरठ में स्थानीय मेट्रो का परिचालन किया जाएगा। ट्रायल रन के दौरान ट्रेनों को 40 किमी प्रति घंटे से 135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक चलाकर उनकी क्षमता और प्रदर्शन का परीक्षण किया गया।
मेरठ मेट्रो के लिए 3 कोच वाले 12 ट्रेनसेट तैयार किए गए हैं, जिनका निर्माण गुजरात के सावली स्थित मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट में किया गया है। इनमें 10 ट्रेनसेट दुहाई डिपो में पहुंच चुके हैं। मेरठ मेट्रो के डिज़ाइन में यात्रियों के लिए अधिकतम आराम, सुरक्षा और संरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। ट्रेनें वातानुकूलित हैं। ट्रेनें अत्याधुनिक सुविधाओं जैसे 2×2 बैठने की व्यवस्था, सामान रखने की रैक, यूएसबी चार्जिंग सुविधा और एर्गोनॉमिक डिजाइन से लैस हैं।
मेरठ मेट्रो कॉरिडोर की कुल लंबाई 23 किलोमीटर है, जिसमें 18 किमी एलिवेटेड और 5 किमी हिस्सा अंडरग्राउंड है। इसके लिए 3 भूमिगत स्टेशन समेत कुल 13 स्टेशन बनाए जा रहे हैं, जिनके नाम मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैंसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौरली, मेरठ नॉर्थ, मोदीपुरम और मोदीपुरम डिपो हैं। इनमें से मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम स्टेशनों पर नमो भारत व मेरठ मेट्रो, दोनों सेवाएं उपलब्ध होंगी। मेरठ सेंट्रल, भैंसाली और बेगमपुल अंडरग्राउंड स्टेशन होंगे जबकि बाकी स्टेशन एलिवेटेड होंगे।
भारत में पहली बार सेमी-हाई स्पीड नमो भारत ट्रेनों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर ही, मेरठ में स्थानीय मेट्रो का परिचालन किया जाएगा। एनसीआरटीसी का लक्ष्य है कि इस वर्ष के अंत तक पूरी मेट्रो सेवा जनता के लिए शुरू कर दी जाएगी। मेरठ मेट्रो का यह कदम शहर को आधुनिक परिवहन सुविधाओं से जोड़ने और जनजीवन को सरल बनाने में मील का पत्थर साबित होगा। एनसीआरटीसी का लक्ष्य है कि इस वर्ष पूरे मेरठ मेट्रो कॉरिडोर को जनता के लिए परिचालित कर दिया जाए।