उत्तराखंड की सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग, जो 2023 में अपने भयंकर भूस्खलन हादसे के चलते सुर्खियों में रही थी, अब एक बड़ी कामयाबी की कहानी बन गई है। 12 नवंबर 2023 को इस सुरंग के अंदर भूस्खलन के चलते 41 मजदूर लगभग 17 दिनों तक फंसे रहे, जिसने न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। राहत की बात यह रही कि 28 नवंबर 2023 को सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, और यह पल पूरे देश के लिए एक बड़ी राहत बना।
अब एक सकारात्मक मोड़ के साथ खबर आई है कि सुरंग को आखिरकार आर-पार कर दिया गया है, यानी इसका निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में पहुंच चुका है। चारधाम सड़क परियोजना के तहत बनाई जा रही यह सुरंग यमुनोत्री हाईवे का हिस्सा है, जो कि यमुनोत्री धाम की दूरी 28 किमी कम कर देगी।
इस 4.5 किमी लंबी टू-लेन सुरंग का निर्माण वर्ष 2018 में शुरू हुआ था, जिसकी मूल डेडलाइन 2022 थी। लेकिन निर्माण कार्य में लगातार देरी और फिर भूस्खलन हादसे ने इसे कई महीनों के लिए रोक दिया। हादसे के समय सुरंग के सिलक्यारा मुहाने से 200 मीटर अंदर भूस्खलन हुआ था, और उस वक्त करीब 400 मीटर ड्रिलिंग का काम शेष था।
सबसे प्रेरणादायक बात यह है कि जो मजदूर इस हादसे में फंसे थे, उनमें से करीब 15-20 लोग दोबारा उसी सुरंग में काम पर लौटे हैं। यह न सिर्फ उनकी बहादुरी को दर्शाता है, बल्कि उनकी प्रोफेशनल निष्ठा और साहस की मिसाल भी पेश करता है।
23 जनवरी 2024 को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सुरंग निर्माण कार्य को दोबारा शुरू करने की मंजूरी दी थी। और अब यह टनल फिर से बन चुकी है एक नई उम्मीद की किरण — पर्यटन, तीर्थ यात्रा और क्षेत्रीय विकास के लिहाज से।