HARYANA ELECTION: विधानसभा चुनाव में प्रलोभन मुक्त चुनाव के लिए चुनाव आयोग के लगातार प्रयासों के चलते HARYANA में 75.72 करोड़ रुपये की जब्ती हुई है, 2019 में यह आंकड़ा 19.03 करोड़ रुपये था।
चुनाव आयोग के मुताबिक सभी जिलों में जब्ती की गई है जिसमें 31.5 करोड़ रुपये नकद, 16.6 करोड़ रुपये की शराब और 11.13 करोड़ रूपए के नशीले पदार्थ शामिल हैं। अंबाला (11.82 करोड़ रुपये), फरीदाबाद (10.07 करोड़ रुपये) और गुरुग्राम (9.94 करोड़ रुपये) जब्ती के साथ शीर्ष 3 जिले रहे।
सख्त निगरानी के लिए 12 विधानसभा को व्यय संवेदनशील के रूप में पहचाना गया था। निगरानी के लिए 391 स्टेटिक सर्विलांस टीम (एसएसटी) और 453 फ्लाइंग स्क्वॉड टीम (एफएसटी) तैनात की गईं। राज्य की सीमाओं पर 133 चेकपॉइंट्स (नाकों) और राज्य के भीतर 140 नाकों के माध्यम से भी सतर्कता बरती गई।
CEO राजीव कुमार ने चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. सुखबीर सिंह संधू के साथ निर्वाचन सदन से मतदान प्रक्रिया पर कड़ी नजर रखी। आयोग के निर्देशानुसार, मतदान प्रक्रिया पर कड़ी और निरंतर निगरानी के लिए सभी मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई थी। आयोग द्वारा फील्ड मॉनिटरिंग और निरंतर फीडबैक के लिए 97 केंद्रीय पर्यवेक्षकों को तैनात किया गया था।
HARYANA विधानसभा चुनाव में पहली बार 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं और दिव्यांग मतदाताओं के लिए घर से मतदान की सुविधा शुरू की गई। पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई, साथ ही मतपत्र की पूरी गोपनीयता भी बरकरार रखी गई। 2468 दिव्यांग मतदाताओं और 85 वर्ष से अधिक आयु के 8907 मतदाताओं ने घर से मतदान की सुविधा का लाभ उठाया।
सी-विजल एप पर 29 हजार शिकायतें मिली
HARYANA में चुनावों की घोषणा के बाद से, 29,000 से अधिक शिकायतें सी-विजल एप पर प्राप्त हुईं, जिनमें से शिकायत समाधान दर 99 प्रतिशत रही। सबसे अधिक शिकायतें फरीदाबाद में प्राप्त हुईं, उसके बाद सिरसा और रोहतक का स्थान रहा। मतदान के अनुभव को सुखद और यादगार बनाने के लिए चुनाव आयोग की प्रतिबद्धता के तहत सभी मतदान केंद्रों पर पीने का पानी, बिजली, शौचालय, रैंप, फर्नीचर, पर्याप्त आश्रय, हेल्पडेस्क जैसी सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाएं प्रदान की गईं। जरूरतमंद लोगों को व्हीलचेयर और सहायता प्रदान की गई। युवा मतदाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए 114 मतदान केंद्रों का प्रबंधन युवाओं द्वारा किया गया। लैंगिक समावेशिता और सुगमता को बढ़ावा देने के तहत 115 मतदान केंद्रों का प्रबंधन पूरी तरह से महिलाओं द्वारा किया गया जबकि 87 का प्रबंधन दिव्यांगों द्वारा किया गया।
सुविधा पोर्टल पर 8300 चुनावी सभाओं की दी गई अनुमति
उम्मीदवारों के लिए सुविधा ऐप ने विभिन्न प्रचार आवश्यकताओं जैसे मैदानों और मीटिंग हॉल की बुकिंग, रैलियों के लिए अनुमति, लाउडस्पीकरों के उपयोग आदि के लिए अनुमति प्राप्त करने की प्रक्रिया को डिजिटल बनाने से चुनाव प्रचार में क्रांतिकारी बदलाव आया है। विवेकाधिकार को हटाने पर जोर देते हुए, पहले आओ पहले पाओ के सिद्धांत पर सुविधा पोर्टल के माध्यम से 8300 से अधिक अनुमतियां दी गईं।