Haryana सरकार ने प्रदेश के 1.20 लाख अस्थायी कर्मचारियों को जॉब सिक्योरिटी देने का अहम फैसला लिया है। यह फैसला उन कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत है, जो लंबे समय से अपनी नौकरी को लेकर असमंजस में थे।
इस फैसले के तहत सरकार ने नियम बनाने के लिए एक सीनियर IAS अधिकारियों की कमेटी गठित की थी, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर ने की। इस कमेटी ने कई दौर की बैठकों के बाद नियमों का मसौदा तैयार कर मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी को सौंप दिया।
मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद होगी अधिसूचना
अब मुख्य सचिव ने यह मसौदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को मंजूरी के लिए भेज दिया है। मुख्यमंत्री की स्वीकृति मिलते ही इन नियमों को नोटिफाई कर दिया जाएगा। इसके बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-1 के तहत कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों को जॉब सिक्योरिटी का लाभ मिलेगा।
अभी तक क्यों नहीं मिली थी जॉब सिक्योरिटी?
सरकार ने पहले जो एक्ट नोटिफाई किया था, उसमें आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-1 का स्पष्ट जिक्र नहीं था। यही कारण है कि कई विभागों ने उन कर्मचारियों को जॉब सिक्योरिटी नहीं दी थी, जो इस नीति के तहत कार्यरत थे लेकिन हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRNL) में पोर्ट नहीं हुए थे। ऐसे कर्मचारी अभी भी विभागों, बोर्डों और निगमों में कार्यरत हैं।