MBBS exam scam exposed in Haryana: Students failed despite spending Rs 1 crore, FIR against 41

Haryana में MBBS परीक्षा घोटाले का खुलासा: 1 करोड़ रुपये के बावजूद छात्र हुए फेल, 41 पर FIR

हरियाणा

Haryana के पंडित बीडी शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (USHR), रोहतक में MBBS एनुअल और सप्लीमेंट्री एग्जाम घोटाले में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में पता चला है कि रैकेट चलाने वालों ने 2023 में एक निजी कॉलेज के छात्रों से कई विषय पास करने के बदले में 1 करोड़ रुपये की रकम ली थी।

रैकेट के कामकाज का खुलासा:

  • सूत्रों के अनुसार, प्रति विषय 2 लाख रुपये की रिश्वत राशि तय की गई थी। 1 करोड़ रुपये में से एक आरोपी ने 50 लाख रुपये अपने पास रखे, जबकि बाकी रकम बिचौलिए को दे दी।
  • हालांकि, रैकेटियरों ने केवल 18 विषयों में सफलता दिलाई, जिससे छात्रों में असंतोष फैल गया। कई छात्रों ने परीक्षा पास करने के लिए भारी रकम चुकाई थी, लेकिन नतीजा उम्मीद के मुताबिक नहीं आया।

पुलिस की पूछताछ:

  • आरोपी ने पूछताछ के दौरान उन सभी छात्रों के नाम बता दिए हैं जिन्होंने परीक्षा में पास कराने के बदले पैसे दिए थे। पुलिस इन छात्रों से पूछताछ करने की तैयारी कर रही है।
  • घोटाले का एक दिलचस्प पहलू यह है कि कई मामलों में उत्तर पुस्तिकाएं विश्वविद्यालय कार्यालय से चुपके से बाहर निकालकर उन्हें कॉलेज के छात्रों द्वारा फिर से जांचा गया था। कुछ छात्र बिचौलिए या असल परीक्षार्थियों के दोस्त थे।

पेपर लीक की जानकारी:

  • रैकेटियरों ने 2024 में विश्वविद्यालय के एक अधिकारी से कई खाली उत्तर पुस्तिकाएं प्राप्त की थीं, जिन्हें असल में परीक्षा देने वाले छात्रों की बजाय अन्य लोगों द्वारा भरा गया था।
  • एक निरीक्षक ने कथित तौर पर परीक्षा का पेपर लीक किया, जिससे रैकेटियरों को खाली उत्तर पुस्तिकाओं पर उत्तर भरने का मौका मिला। बाद में, इन शीट्स को असल उत्तर पुस्तिकाओं से बदल दिया गया।

विवि में फर्जी उत्तर पुस्तिकाओं का इस्तेमाल:

  • जांच समिति ने रिपोर्ट में खुलासा किया कि जनवरी-फरवरी 2024 में स्वास्थ्य विश्वविद्यालय की MBBS परीक्षा के दौरान 46 खाली उत्तर पुस्तिकाएं गायब हो गई थीं। हैरानी की बात यह है कि इन उत्तर पुस्तिकाओं का इस्तेमाल बाद की परीक्षा में किया गया।

एफआईआर और गिरफ्तारी:

  • घोटाले के सिलसिले में 41 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें 24 छात्र और 17 विश्वविद्यालय कर्मचारी शामिल हैं। अब तक तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

यह घोटाला हरियाणा के शिक्षा व्यवस्था में एक बड़े झटके के रूप में सामने आया है और इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।

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