हरियाणा की स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री कुमारी आरती सिंह राव के स्पष्ट निर्देशों पर गंभीर कदम उठाते हुए जिला पंजीकरण प्राधिकरण की सह संयोजक एवं सिविल सर्जन ने गुड़गांव स्थित मेदांता अस्पताल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। एयर होस्टेस के यौन उत्पीड़न के आरोपों के संदर्भ में यह नोटिस जारी किया गया है।
नोटिस में अस्पताल प्रबंधन से जवाब तलब किया गया है कि क्यों न उनके खिलाफ सीईए अधिनियम (Clinical Establishments Act) 2010 के अंतर्गत कार्रवाई की जाए।
सीईए अधिनियम की दो धाराओं का उल्लंघन
नोटिस में उल्लेख किया गया है कि उक्त मामले में दो प्रमुख धाराओं — खंड 6 और खंड 7 — का उल्लंघन किया गया है।
- खंड 6 के अनुसार, रोगी की गोपनीयता, मानवीय गरिमा और निजता को उपचार के दौरान पूर्ण रूप से बनाए रखना अनिवार्य है।
- खंड 7 यह सुनिश्चित करता है कि किसी महिला रोगी की शारीरिक जांच के समय यदि जांचकर्ता पुरुष चिकित्सक हो, तो महिला अटेंडेंट की उपस्थिति अनिवार्य होती है।
इन दोनों नियमों के कथित उल्लंघन के कारण, प्राधिकरण ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल से पांच कार्य दिवसों के भीतर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है।
स्वास्थ्य मंत्री कुमारी आरती सिंह राव ने पहले भी राज्य के सभी स्वास्थ्य संस्थानों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि रोगियों के अधिकारों की रक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। यह कार्रवाई उनके निर्देशों की उसी कड़ी का हिस्सा है, जो स्वास्थ्य सेवाओं को पारदर्शी, संवेदनशील और उत्तरदायी बनाने की दिशा में उठाया जा रहा कदम है।
यदि मेदांता अस्पताल नियत समय में संतोषजनक जवाब नहीं देता, तो सीईए अधिनियम के तहत उनके विरुद्ध प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।