सोने की चमक पड़ने वाली है फीकी इस माह आधा रह जाएगा रेट जानें

सोने की चमक पड़ने वाली है फीकी, इस माह आधा रह जाएगा रेट, जानें

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  • 2025 में रिकॉर्ड तोड़ तेजी के बाद अब सोने की कीमतों में 40% तक की भारी गिरावट की आशंका जताई गई है।
  • विशेषज्ञों के अनुसार, दिसंबर 2026 तक सोने की कीमत ₹67,000 से ₹70,000 प्रति 10 ग्राम के बीच स्थिर हो सकती है।
  • अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थिरता, निवेश ट्रेंड में बदलाव और सेंट्रल बैंकों की खरीद में गिरावट होगी बड़ी वजह।

सोना, जिसे हमेशा से निवेश का सबसे सुरक्षित विकल्प माना जाता रहा है, अब अपने ऐतिहासिक उच्चतम स्तरों से फिसलने को तैयार है। इस साल की शुरुआत से लेकर अब तक सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया है। अप्रैल 2025 में एमसीएक्स (MCX) पर सोना ₹99,358 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया था, जबकि सर्राफा बाजार में जीएसटी समेत यह ₹1 लाख का आंकड़ा भी पार कर गया था।

लेकिन अब जो रिपोर्ट सामने आई है, वो हर उस व्यक्ति के लिए महत्त्वपूर्ण है जो सोने में निवेश करने या गहनों की खरीदारी करने की योजना बना रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, सोने की कीमतों में आगे चलकर भारी गिरावट आने की संभावना है। 2025 के अंत तक सोने की कीमत ₹56,000 प्रति 10 ग्राम तक गिर सकती है, यानी कि मौजूदा दरों से लगभग 40 प्रतिशत की गिरावट


क्यों बढ़े सोने के दाम?

इस साल की शुरुआत में सोने की कीमतों में आई उछाल के पीछे कई अहम कारण थे।

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  1. अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनिश्चितता – अमेरिका, यूरोप और मध्य पूर्व में राजनीतिक अस्थिरता के कारण निवेशकों ने शेयर बाजारों से पैसे निकालकर सोने में लगाया।
  2. डॉलर की कमजोरी – अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अन्य मुद्राओं की मजबूती ने गोल्ड को बेहतर विकल्प बना दिया।
  3. सेफ हैवन की तलाश – शेयर बाजार और क्रिप्टोकरेंसी की अस्थिरता से बचने के लिए सोने को निवेश का सुरक्षित जरिया माना गया।

अब क्यों गिरेगा सोना?

अब स्थिति तेजी से बदल रही है। इंटरनेशनल फाइनेंशियल एनालिस्ट जॉन मिल्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 के अंत तक जब वैश्विक बाज़ार स्थिर हो जाएंगे, तो निवेशक सोने को बेचकर अन्य क्षेत्रों की ओर रुख करेंगे। इससे डिमांड घटेगी और मार्केट में गोल्ड की अधिकता आ जाएगी, जिससे रेट गिरेंगे

  • सेंट्रल बैंकों द्वारा खरीद में गिरावट – रिपोर्ट के मुताबिक अब देश-दुनिया के केंद्रीय बैंक भी सोने की खरीद कम कर सकते हैं या इसे स्थिर रख सकते हैं।
  • निवेशकों का रुझान शेयरों की ओर – जब बाजारों में स्थिरता लौटेगी, तब लोग सोने को छोड़कर शेयर या बॉन्ड जैसे विकल्पों में पैसा लगाना शुरू कर देंगे।
  • कमोडिटी सप्लाई-डिमांड का असर – जब सप्लाई अधिक होगी और डिमांड कम, तो दाम नीचे आना तय है।

दिसंबर 2026 तक क्या होगा सोने का भविष्य?

2025 के अंत तक जहां ₹56,000 प्रति 10 ग्राम तक गिरावट की संभावना है, वहीं 2026 में कीमतों में मामूली रिकवरी की उम्मीद जताई जा रही है। अनुमान है कि 2026 के अंत तक सोने की कीमत ₹67,000 से ₹70,000 प्रति 10 ग्राम के बीच रह सकती है।

यह पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करेगा कि वैश्विक बाज़ारों की स्थिरता कितनी लंबी रहती है और निवेशकों का मनोबल किस ओर झुकता है।


क्या गोल्डमैन का उल्टा अनुमान सच हो सकता है?

जहां एक ओर अधिकतर विशेषज्ञ गिरावट की बात कर रहे हैं, वहीं अमेरिकी निवेश फर्म गोल्डमैन सैक्स ने अनुमान लगाया है कि अगर वैश्विक हालात फिर से खराब होते हैं, तो 2025 के अंत तक सोना ₹1.38 लाख प्रति 10 ग्राम भी पहुंच सकता है।

गोल्डमैन की यह रिपोर्ट geopolitical tensions, डॉलर की गिरावट और बाजार में मंदी जैसी स्थितियों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है।