ahirwal ki etihasik dharti se garje purv sainik pardhan mantri ko yaad dharti se kiya hua one rank one panshan ka vayda

अहीरवाल की ऐतिहासिक धरती से गरजे पूर्व सैनिक, प्रधानमंत्री को याद धरती से किया हुआ One Rank-One Panshan का वायदा

रेवाड़ी हरियाणा

रेवाड़ी के ऐतिहासिक हुड्डा ग्राउंड जहां आज से 10 साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐतिहासिक रैली कर अपने प्रधानमंत्री बनने का कदम रखा था और सैनिकों के लिए वन रैंक-वन पेंशन की एक बड़ी घोषणा की थी। इस घोषणा को पूरा न करने और ऑपरेशन-2 के अंदर विसंगतियों को दूर न करने के चलते पूर्व सैनिकों का गुस्सा सातवें आसमान पर है।

पूर्व सैनिकों ने आज रेवाड़ी के उसी हुड्डा ग्राउंड से एक महारैली का आयोजन किया। जिसके अंदर न केवल हरियाणा बल्कि यूपी पंजाब और अन्य राज्यों से पूर्व सैनिक पहुंचे। और प्रधानमंत्री को किया हुआ वादा याद दिलाने का प्रयास किया।

मांगों को पूरा कराने के लिए सरकार को चेताते हुए भरी हुंकार

करीबन 10 हजार की संख्या में एकत्रित हुए पूर्व सैनिकों ने एक आवाज में अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए सरकार को चेताते हुए हुंकार भरी। परमवीर चक्र सम्मानित योगेंद्र यादव ने कहा कि अकड़े हुए लोगों को सुधारने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि सैनिक किसी पार्टी का नहीं बल्कि राष्ट्र का होता है और अंत तक राष्ट्र का ही रहता है। अहीरवाल के 114 सैनिकों ने 1962 में 3000 चीन के सैनिक को मार गिराने का काम किया था।

सैनिकों की बदौलत ही आज राष्ट्र सुरक्षित

शहादत बराबर की और लहू बराबर का लेकिन भारत की सरकार ने इन्हें बांटने का काम किया है। भारत की सरकार को सोचना चाहिए। अगर सेना का जवान बॉर्डर से हटा तो उनका दफ्तर में बैठना भी मुश्किल हो जाएगा। सरकार कहती है कि जवान मरने के लिए ही होते हैं, लेकिन सरकार को यह पता होना चाहिए कि जवान मरने के लिए नहीं, बल्कि मारने के लिए होते हैं। सैनिकों के बदौलत ही आज राष्ट्र सुरक्षित है।

सरकार को अपनी ताकत दिखाने का काम करेंगे

उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 साल पहले यहां से सैनिकों को वादा किया था, लेकिन आज तक वह वादे पूरे नहीं हुए। अब जरूरत है कि पूरे देश के नौजवानों को एक साथ एक मंच पर इकट्ठा होकर इनको एहसास दिलाना होगा। 30 साल बॉर्डर पर ड्यूटी करने के बाद अगर सैनिक अपना मान और सम्मान मांग रहा है, तो उसमें गलत ही क्या है और अब यह रैली से जन आंदोलन बनने जा रहा है। अगर सरकार अभी बात नहीं मानती है, तो वह संविधान द्वारा दिए गए। अधिकार यानी मत का प्रयोग कर सरकार को अपनी ताकत दिखाने का काम करेंगे।