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🌹 दिनांक : 21 सितम्बर 2023🌷
🌹 दिन – वीरवार🌷
🌹 विक्रम संवत – 2080🌷
🌹 शक संवत – 1945🌷
🌹 अयन – दक्षिणायन🌷
🌹 ऋतु – शरद🌷
🌹 मास – श्रावण🌷
🌹 पक्ष – कृष्ण पक्ष🌷
🌹 तिथि – षष्ठी🌷
🌹 नक्षत्र – अनुराधा🌷
🌹 अमान्ता महीना – श्रावण🌷
🌹 पूर्णिमांत – भाद्रपद🌷
🌹 योग – प्रीति🌷
🌹 सूर्योदय – सुबह 6:13 पर🌷
🌹 सूर्यास्त – शाम 6:16 पर🌷
🌹 प्रथम करण – तैतिल🌷
🌹 द्वितीय करण – गारा🌷
🌹 दिशाशूल- पश्चिम🌷
🌹 चंद्रराशि – वृश्चिक🌷
🌹 सूर्यराशि – कन्या🌷
🌹 शुभमुहूर्त – अभिजीत🌷
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🍇पंचांग की जरूरत :
पंचांग का उपयोग मुख्यत्वे, काल गणना, तिथि वार, व्रत, शुभ मुहूर्त, देखने के लिए पंचांग का उपयोग किया जाता है. ज्योतिष गाइड के दैनिक पंचांग में नक्षत्र, योग, करन सहित, शुभ-अशुभ समय, मुहूर्त, चंद्र बल, तारा बल पंचांग में आसानीसे उपलब्ध है। पंचांग का निर्धारण, ब्रम्हांड की गति पर निर्भर है. इसलिए जैसे जैसे पृथ्वी भ्रमण करती है, पंचांग समय क्षेत्र के अनुसार बदलता दिखाई देता है. इसलिए एक ही पंचांग अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अलग अलग हो सकता है, इसलिए सही पंचांग का समय निर्धारण के लिए, क्षेत्र को चुनना अति महत्वपूर्ण है।
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🍇नक्षत्र :
आकाश मंडल में एक तारा समूह को नक्षत्र कहा जाता है। इसमें 27 नक्षत्र होते हैं और नौ ग्रहों को इन नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। 27 नक्षत्रों के नाम- अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र।
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🍇योग :
नक्षत्र की भांति योग भी 27 प्रकार के होते हैं। सूर्य-चंद्र की विशेष दूरियों की स्थितियों को योग कहा जाता है। दूरियों के आधार पर बनने वाले 27 योगों के नाम – विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र और वैधृति।
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🍇करण :
एक तिथि में दो करण होते हैं। एक तिथि के पूर्वार्ध में और एक तिथि के उत्तरार्ध में। ऐसे कुल 11 करण होते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं – बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न। विष्टि करण को भद्रा कहते हैं और भद्रा में शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं।
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पंचांग क्या है
पंचांग दैनिक ज्योतिषीय कैलेंडर है जो ग्रहों और सूक्ष्म स्थितियों के आधार पर चंद्र दिवस के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करता है। इसमें पाँच विशेषताएँ शामिल हैं- तिथि (द लूनर डे), वार (सप्ताह का दिन), नक्षत्र (चन्द्र मेंशन), योग (चन्द्र-सौर दिवस) और करण (आधा चन्द्र दिवस)। इन पांच विशेषताओं के आधार पर, ज्योतिषी किसी भी नए कार्य या हिंदू धार्मिक अनुष्ठान को शुरू करने के लिए मुहूर्त या शुभ समय का निर्धारण करते हैं और इसके साथ-साथ अशुभ समय को भी देखते हैं जिससे हर किसी को बचना चाहिए।
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🍇दैनिक पंचांग और उसका महत्व
प्राचीन ऋषियों और वेदों के अनुसार, जब कोई व्यक्ति पर्यावरण के साथ सामंजस्य स्थापित करता है, तो वह सकारात्मक तरीके से प्रतिक्रिया देता है और व्यक्ति को उसके कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करने में मदद करता है। हिन्दू दैनिक पंचांग इस सौहार्द को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसके उपयोग से व्यक्ति को तिथि, योग और शुभ-अशुभ समयों में ज्योतिषीय अंतर्दृष्टि प्राप्त होती है। जिससे हम सूक्ष्म संचार के आधार पर उपयुक्त समय के बारे में जान सकते हैं और अपने समय और कार्य का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं।
ज्योतिषी लोगों को सुझाव देते हैं कि वे अपने दैनिक पंचांग को रोजाना देखें और किसी भी नए काम को शुरू करने के लिए इसका पालन करें जैसे कि वैवाहिक समारोह, सामाजिक मामलों, महत्वपूर्ण कार्यक्रमों, उद्घाटन, नए व्यापार उपक्रम आदि जैसे शुभ कार्यक्रम इसके अनुसार करें।
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🍇राशिफल :
🎍मेष राशि : (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
आत्मविश्वास से लबरेज रहेंगे, माता के स्वास्थ्य में सुधार होगा। घर-परिवार में धार्मिक कार्य हो सकते हैं। खर्चों की अधिकता रहेगी, बातचीत में संयत रहें। क्रोध के अतिरेक से बचें, रहन-सहन कष्टमय रहेगा। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा, कार्यक्षेत्र में परिवर्तन सम्भव है। किसी मित्र के सहयोग से कारोबार की स्थिति में सुधार हो सकता है।
🎍वृष राशि : (ई, उ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
मन प्रसन्न रहेगा, बातचीत में संयत रहें। लेखनादि-बौद्धिक कार्यों में व्यस्तता बढ़ेगी, शैक्षिक कार्यों के सुखद परिणाम मिलेंगे। नौकरी में परिवर्तन की सम्भावना बन रही है, कार्यक्षेत्र में अनुकूल परिस्थितिया रहेंगी। परिश्रम की अधिकता रहेगी, आय की स्थिति में सुधार होगा। उच्च पद की प्राप्ति हो सकती है, कार्यक्षेत्र में संघर्ष करना पड़ सकता है।
मिथुन राशि : (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
वाणी में मधुरता रहेगी, परन्तु अपनी भावनाओं को वश में रखें। घर-परिवार में सद्भाव बनाकर रखें। शैक्षिक कार्यों पर ध्यान दें, नौकरी में आय वृद्धि होगी। खर्च अधिक की स्थिति से परेशान रहेंगे, बातचीत में संयत रहें। कायक्षेत्र में कठिनाइयां आ सकती हैं, किसी मित्र के सहयोग से कारोबार के अवसर मिल सकते हैं। लंबे समय से रुके हुए काम बनेंगे।
🎍कर्क राशि : (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डु, डे, डो)
मन में शान्ति एवं प्रसन्नता रहेगी, आत्मविश्वास रहेगा। नौकरी में तरक्की के मार्ग प्रशस्त होंगे, शासन-सत्ता का सहयोग मिलेगा। आय में वृद्धि होगी, कुटुम्ब के किसी बुजुर्ग से धन प्राप्ति के योग बन रहे हैं। अपनी भावनाओं को वश में रखें, भाई-बहनों का साथ मिल सकता है, नकारात्मक विचारों का प्रभाव हो सकता है। धार्मिक कार्यों में व्यस्तता हो सकती है।
🎍सिंह राशि : (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आत्मसंयत रहें, परिवार के साथ किसी धार्मिक स्थान पर जाने का कार्यक्रम बन सकता है। भाग-दौड़ अधिक रहेगी। स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहेगा, माता को स्वास्थ्य विकार हो सकते हैं। मन में निराशा एवं असन्तोष के भाव रहेंगे, आय में कमी एवं खर्चों में वृद्धि की स्थिति रहेगी। मित्र का सहयोग मिलेगा, रहन-सहन अव्यवस्थित रहेगा।
🎍कन्या राशि : (ढो, प, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
मन प्रसन्न रहेगा, फिर भी बातचीत में संयत रहें। नौकरी में तरक्की के योग बन रहे हैं, आय में वृद्धि होगी। मान-सम्मान की प्राप्ति होगी, मित्रों से भेंट होगी। आत्मविश्वास भरपूर रहेगा, मानसिक शान्ति रहेगी। वस्त्रों पर खर्च बढ़ेंगे, माता की ओर से आर्थिक सहयोग मिल सकता है। तरक्की के मार्ग प्रशस्त होंगे, सेहत का ध्यान रखें, यात्रा पर जा सकते हैं।
🎍तुला राशि : (र, री, रू, रे, रो, ता, ति, तू, ते)
क्रोध से बचें, कारोबार में परिवर्तन के योग बन रहे हैं। किसी मित्र का सहयोग मिल सकता है, परिश्रम अधिक रहेगा, लाभ के अवसर मिलेंगे। आत्मविश्वास में कमी रहेगी, परिवार का साथ मिलेगा। स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहेगा, परिवार में आपसी मतभेद हो सकते हैं। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें, कारोबार में परिश्रम अधिक रहेगा, सम्पत्ति का विस्तार हो सकता है।
🎍वृश्चिक राशि : (तो, न, नी, नू, ने, नो, या, यि, यू)
मन प्रसन्न रहेगा, वस्त्रों के प्रति रुझान बढ़ सकता है। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा, पिता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें, खर्च बढ़ सकते हैं। स्वभाव में चिड़चिड़ापन हो सकता है, कुटुम्ब के किसी बुजुर्ग से धन प्राप्ति हो सकती है। संचित धन में वृद्धि होगी, कार्यक्षेत्र में कठिनाइयां आ सकती हैं। व्यर्थ के विवादों से दूर रहने का प्रयास करें, संयम से काम लें।
🎍धनु राशि : (य, यो, भा, भि, भू, ध, फा, ढ, भे)
आत्मविश्वास रहेगा, अति उत्साही होने से बचें। शैक्षिक कार्यों के सुखद परिणाम मिलेंगे, मीठे खान-पान के प्रति रुझान बढ़ सकता है, स्वभाव में चिड़चिड़ापन हो सकता है। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें, आलस्य की अधिकता रहेगी। परिवार की समस्या परेशान कर सकती हैं, धार्मिक संगीत के प्रति रुचि बढ़ सकती है। पारिवारिक जीवन कष्टमय हो सकता है।
🎍मकर राशि : (भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
कारोबार में वृद्धि होगी, विदेश यात्रा लाभप्रद रहेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें, परिवार का साथ मिलेगा। आय में वृद्धि होगी, मन में नकारात्मकता का प्रभाव हो सकता है। स्वभाव में जिद्दीपन रहेगा, नौकरी में अफसरों से मतभेद हो सकते हैं, स्वभाव में चिड़चिड़ापन हो सकता है। मित्रों का सहयोग मिलेगा, तनाव से बचकर रहें। रुके हुए काम बनेंगे।
🎍कुम्भ राशि : (गू, गे, गो, स, सी, सू, से, सो, द)
क्रोध से बचें, वाहन सुख में वृद्धि हो सकती है। माता का सानिध्य मिलेगा, स्वास्थ्य का ध्यान रखें। भाग-दौड़ बढ़ सकती है, आत्मविश्वास में कमी आएगी। आय में कमी एवं खर्च अधिक की स्थिति रहेगी, धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी, पिता को स्वास्थ्य विकार हो सकते हैं। कार्यक्षेत्र में विपरीत परिस्थितियां हो सकती हैं, परिवार में आपसी मनमुटाव हो सकता है।
🎍मीन राशि : (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, च, ची)
शैक्षिक कार्यों में मन लगेगा, कार्यक्षेत्र में सफालता मिलेगी, मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें, यात्रा खर्च बढ़ सकते हैं। मन में निराशा एवं असन्तोष के भाव रहेंगे, शैक्षिक कार्यों के सुखद परिणाम मिलेंगे। स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहेगा। मित्रों का सहयोग मिलेगा। आय की स्थिति में सुधार होगा। सन्तान की ओर से सुखद समाचार मिल सकते हैं।
🎍(पं. दाऊजी महाराज, वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य एवं श्री अवध धाम मंदिर संस्थापक पानीपत) 🎍
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