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MLA मामन खान को बड़ी राहत, मिली जमानत, जेल में रहेंगे, 137-148 में जमानत मिलना बाकी

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नूंह हिंसा मामले में विधायक मामन खान को बड़ी राहत. मामन खान को एफआईआर 149, 150 में जमानत मिल गई है, लेकिन इसके बावजूद भी वह जेल में रहेंगे. बता दें कि मामन खान को अभी एफआईआर 137 व 148 में जमानत मिलना बाकी है।

बता दें कि मामन खान को एफआईआर 149, 150 में जमानत मिल गई है, लेकिन इसके बावजूद भी वह जेल में रहेंगे। मामन खान को अभी एफआईआर 137 व 148 में जमानत मिलना बाकी है। 3 अक्टूबर को एफआईआर नंबर 137 व 148 में सुनवाई होगी, यदि 3 अक्टूबर को मामन खान को एफआईआर नंबर 137, 148 में भी जमानत मिल जाती है, तो ममन खान जेल से बाहर आ जाएंगे।

36 मोबाईल, 8 फर्जी सिमों के साथ 3 आरोपी गिरफ्तार

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नूंह पुलिस ने चोरी व लूट के 36 मोबाईल फोन व 8 फर्जी सिमों के साथ 03 आरोपियों को गिरफ्तार किया। निरीक्षक संदीप मोर प्रभारी अपराध जांच शाखा पुन्हाना ने जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार को उप–निरीक्षक यशपाल अपनी टीम के साथ गस्त पर बस अड्डा पुन्हाना मौजूद था। उसी समय गुप्त सूचना प्राप्त हुई कि सरफराज पुत्र रफीक, तारिफ पुत्र फज्जू व आकिब पुत्र रुकमुद्दीन निवासियान जखोखर थाना बिछौर जिला नूंह मिलकर चोरी, छीने व लूटे हुए मोबाईल फोनों को जुरहेडा, कामा व भरतपुर से सस्ते दामों में खरीदकर महंगे दामों में साईबर अपराधियों को बेचते है।

दोनों पक्षों में हुई थी 20 मिनट की बहस

बता दें कि नूंह हिंसा के मामले में गिरफ्तार हुए फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस विधायक मामन खान को सीजेएम जोगेंद्र सिंह की कोर्ट में पेश किया गया था। कोर्ट ने उनको 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया। विधायक मामन अब नूंह जेल में बंद रहेंगे। कोर्ट में दोनों पक्षों के बीच तकरीबन 20 मिनट बहस हुई। जिसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था। नूंह हिंसा में दर्ज केसों की जांच कर रही पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का आरोप है कि कांग्रेस विधायक सहयोग नहीं कर रहे हैं।

दर्ज बयान पर हस्ताक्षर करने से विधायक ने कर दिया था मना

एसआईटी के अधिकारियों का कहना था कि मामन खान ने अपने दर्ज बयान पर हस्ताक्षर करने से इन्कार कर दिया था। जिससे जांच पूरी होने में दिक्कतें आ रही हैं। कोर्ट में शिकायत के बाद एसआईटी ने विधायक पर आईपीसी की धारा 180 (कानूनी रूप से आवश्यक होने पर एक लोक सेवक को दिए गए बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार करना) के तहत मामला दर्ज किया था।