मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां इमिग्रेशन अधिकारियों ने हरियाणा के एक निजी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर को 7 युवकों के साथ ब्रिटेन ले जाने की कोशिश में गिरफ्तार कर लिया। इन युवकों में 3 नाबालिग भी शामिल थे। प्रोफेसर का दावा था कि वह इन छात्रों को स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत लंदन ले जा रहा था, लेकिन जांच के दौरान कई अनियमितताएं पाई गईं, जिससे पूरा मामला संदेह के घेरे में आ गया।
इमिग्रेशन काउंटर पर बढ़ा शक, गहराई से हुई जांच
सोमवार दोपहर करीब 12:30 बजे दो युवक इमिग्रेशन काउंटर पर पहुंचे और वीजा चेकिंग के दौरान अधिकारियों को अपने दस्तावेज दिखाए। उन्होंने बताया कि वे हरियाणा के एक विश्वविद्यालय के छात्र हैं और अपने प्रोफेसर के साथ ब्रिटेन जा रहे हैं।
जब अधिकारियों ने इनसे उनके विश्वविद्यालय, कोर्स और ब्रिटेन में उनके गंतव्य के बारे में सवाल किए, तो वे स्पष्ट जवाब नहीं दे सके। इससे इमिग्रेशन अधिकारियों को शक हुआ और जब मामले की गहराई से जांच की गई, तो पता चला कि यही प्रोफेसर 5 और युवकों को भी अपने साथ ब्रिटेन ले जा रहा था।
स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम का दावा, लेकिन नहीं मिली पुष्टि
पूछताछ में प्रोफेसर ने बताया कि वह हरियाणा के विश्वविद्यालय में वोकेशन हेड के दो सहकर्मियों के कहने पर यह काम कर रहा था। उसने खुलासा किया कि दिल्ली के एक होटल में उसकी मुलाकात बिट्टू नामक एजेंट और उन 7 युवकों से हुई थी, जो ब्रिटेन जाना चाहते थे।
हालांकि, पुलिस अभी इस प्रोफेसर के बताए गए विश्वविद्यालय की प्रमाणिकता की जांच कर रही है। अगर विश्वविद्यालय का दावा सही पाया जाता है, तो यह मामला एक शिक्षा-आधारित यात्रा हो सकता है, लेकिन यदि इसमें कोई फर्जीवाड़ा पाया गया, तो यह बड़ा घोटाला साबित हो सकता है।
वीजा प्रक्रिया में अनियमितता, 20 लाख रुपये के लेनदेन का खुलासा
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि बिट्टू नामक एजेंट ने प्रत्येक युवक से 20 लाख रुपये लिए थे। प्रोफेसर पर यह आरोप है कि उसने गलत जानकारी देकर वीजा प्राप्त किया था और इन युवकों को लंदन भेजने की योजना बनाई थी।
इस समूह को पहले दिल्ली से मुंबई लाया गया और फिर जेद्दा के रास्ते लंदन जाने की योजना थी। लेकिन इमिग्रेशन अधिकारियों की सतर्कता के कारण यह पूरी योजना विफल हो गई।
नाबालिगों के माता-पिता को दी गई सूचना, युवकों को मिली रिहाई
पुलिस ने तीनों नाबालिगों के माता-पिता को इस घटना की जानकारी दे दी है। सभी 7 युवकों को पहले हिरासत में लिया गया था, लेकिन बाद में कोर्ट के आदेश पर उन्हें रिहा कर दिया गया।
अब इस पूरे मामले की गहराई से जांच की जा रही है।